आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी पार कप्तान ने नहीं किया भरोसा…

कुछ दिन पहले कप्तान संजू सैमसन ने क्रिस मॉरिस को आखिरी गेंद में स्ट्राइक देने से साफ इनकार कर दिया था। शायद उनका सोचना था कि मॉरिस एक गेंद में जरूरी पांच रन नहीं बना पाएंगे क्योंकि लास्ट बॉल पर जीत के लिए हर हाल में छक्के की दरकार थी। अब अगले ही मैच में मॉरिस ने बता दिया कि क्यों नीलामी में 16.25 करोड़ लेकर वह आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे।

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में कप्तान ऋषभ पंत (51) के अर्धशतक के बूते दिल्ली ने राजस्थान के सामने 148 रन का लक्ष्य रखा था। छोटा टोटल होने के बावजूद दिल्ली कें गेंदबाजों ने रॉयल्स को बांधे रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरे रॉयल्स की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम ने आठवें ओवर में 36 रन तक ही चार विकेट गंवा दिए। लेकिन मिलर के अर्धशतक (43 गेंद में 62 रन) से रॉयल्स ने वापसी की और उसे अंतिम पांच ओवर मे जीत के लिए 58 रन की दरकार थी।

मिलर ने आवेश की गेंद पर एक रन के साथ 40 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने इसी ओवर में लगातार दो छक्कों के साथ टीम के रन का शतक पूरा किया, लेकिन अगली गेंद पर लॉन्ग ऑन पर यादव को कैच दे बैठे। क्रिस मॉरिस अब भी दूसरी छोर पर खड़े थे। नए बल्लेबाज उनादकट ने वोक्स पर छक्के से खाता खोला, लेकिन करन के अगले ओवर में कोई बाउंड्री नहीं लगी। रॉयल्स को अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 27 रन की जरूरत थी। मॉरिस ने रबाडा के 19वें ओवर में दो छक्के जड़े जिससे अंतिम ओवर में टीम को जीत के लिए 12 रन की जरूरत थी। मॉरिस ने करन पर दो छक्के जड़कर रॉयल्स को जीत दिला दी।

चार छक्के की बदौलत 18 गेंद में 36 रन बनाने वाले मॉरिस ने जीत के बाद कहा कि पिछले मैच की आखिरी बॉल पर स्ट्राइक न मिलने का उन्हें कोई मलाल नहीं। 16 करोड़ 25 लाख में बिकने वाले मॉरिस ने कहा, ‘संजू गेंद को बेहद प्यार से बाउंड्री पार भेज रहे थे। हमारा अंतिम मकसद सिर्फ जीत थी। मुझे इतनी भारी भरकम राशि इसी वजह से दी गई क्योंकि मैं एक स्लॉगर हूं। मेरा काम ही हर गेंद को सीमा रेखा के पार भेजना है।’

 

 

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