पांचवी बार नेतन्याहू सरकार, मोदी को दिया धन्यवाद
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यरुशलम/नई दिल्ली: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश में नयी सरकार के गठन पर अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की ओर से मिले बधाई संदेश देने पर उन्हें धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच ‘महत्वपूर्ण’ संबंधों को ‘मजबूत’ रखने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
नेतन्याहू ने मोदी के बधाई संदेश पर जवाब देते हुए ट्वीट किया, ‘मेरे प्रिय मित्र भारत के प्रधानमंत्री आपका धन्यवाद। हम दोनों देशों के महत्वपूर्ण संबंधों को मजबूती देना जारी रखेंगे।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री नेतन्याहू को उनके देश में कई महीनेकी राजनीतिक अनिश्चितता के दौर के बाद गठबंधन सरकार के गठन पर बधाई दी थी। मोदी ने हिब्रू और अंग्रेजी भाषा में ट्वीट किया था, “मेरे मित्र नेतन्याहू को इजराइल में पांचवीं बार सरकार बनाने की बधाई।”
उन्होंने कहा, “मैं आपको और बेनी गैंट्ज को शुभकामनाएं देता हूं तथा भारत-इजराइल की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत करने के लिए आपकी सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए आशान्वित हूं।”
इजराइल में रविवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ले ली। इसी के साथ देश के इतिहास में सबसे लंबा राजनीति गतिरोध खत्म हो गया। गतिरोध के दौरान 500 दिनों से भी ज्यादा वक्त तक कार्यवाहक सरकार बागडोर संभाले हुए थी और एक के बाद एक हुए तीन चुनावों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। नेसेट (इज़राइली संसद) में नई सरकार के विश्वास मत के दौरान पक्ष में 73 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 46 मत।
चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नेतन्याहू ने प्रतिद्वंद्वी से साथी बने ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बेनी गांट्ज के साथ मिलकर सरकार बनाई है। नई सरकार में 36 मंत्री और 16 उप मंत्री होंगे। शपथग्रहण के तत्काल बाद नेतन्याहू (70) ने आर्मी रेडियो को बताया, “व्यापक सरकार के साथ स्थिरता हासिल कर ली गई है।”
गांट्ज ने रक्षा मंत्री और वैकल्पिक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। गठबंधन के समझौते के तहत सत्ता की साझीदारी पर बनी सहमति के मुताबिक नई सरकार में 18 महीने बाद नेतन्याहू पद छोड़ देंगे और 17 नवंबर 2021 को गांट्ज प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। नेसेट ने नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के यारिव लेविन को नया अध्यक्ष भी चुना। विपक्षी नेता येर लापिड ने नई सरकार और खास तौर पर अपने पुराने सहयोगी गांट्ज और गाबी अस्केनाजी की आलोचना की जिन्होंने उनके चुनाव पूर्व गठजोड़ को तोड़कर नेतन्याहू से हाथ मिला लिया।