कोरोना काल में बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बना ‘प्रोजेक्ट एल्डरलाइन’

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली है, राज्य के जरूरतमंद, कमजोर और वंचित वर्ग की सुरक्षा और सर्वांगीण कल्याण उनकी प्राथमिकता रही है. उन्होंने अपनों से बिछड़े, सड़क व फुटपाथ पर जीवन बिताने को मजबूर बुजुर्गों के लिए भी पहल की है और ‘एल्डरलाइन’ नाम की योजना लॉन्च की है.

कोरोना काल में राज्य के जरूरतमंद बुजुर्गों के लिए यह योजना काफी मददगार साबित हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी 75 जिलों में बेसहारा बुजुर्ग नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और बीमारी से बचाने के लिए प्रोजेक्ट एल्डरलाइन के तहत टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14567 की व्यवस्था की गई है.

कोरोना काल में इस टोल फ्री नंबर के जरिए जानकारी मिलने पर ऐसे अनेक बुजुर्गों की मदद सरकार ने की है. उनके स्वास्थ्य की चिंता करना, समय पर उनको इलाज दिलाना और साथ में भावनात्मक सहयोग देने का काम उत्तर प्रदेश में ‘प्रोजेक्ट एल्डरलाइन’ के तहत बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.

एल्डरलाइन के जरिए रोजना 80 से 90 बेसहारा बुजुर्गों की मदद
यूपी में यह सुविधा 14 मई से लागू की गई है. ‘प्रोजेक्ट एल्डरलाइन’ की देखरेख में लगे कर्मचारियों की मानें तो प्रत्येक दिन विभिन्न जनपदों से जरूरतमंदों के 80 से 90 फोन आते ​हैं. सुबह 8 बजे से शाम के 8 बजे तक कॉल सेंटरों के माध्यम से बुजुर्गों की सहायता की जाती है. इस प्रोजेक्ट को टाटा ट्रस्ट्स और एनएसई फाउंडेशन की सहायता से संचालित किया जा रहा है.

कासगंज में भूख से तड़प रही 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला का रेस्क्यू
कासगंज के पंचायत बाग में सड़क किनारे भूख से तड़प रही 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को एल्डरलाइन से मदद मिली. कोविड-19 टोल फ्री हेल्पलाइन 14567 पर कॉल कर महिला की दुर्दशा की जानकारी लोगों ने दी, जिसके बाद फील्ड रिस्पॉन्स लीडर ने मौके पर पहुंचकर पुलिस और तहसीलदार की मदद से बुजुर्ग महिला को ओल्ड ऐज होम पहुंचाया. महिला की एंटीजन जांच कराई गई जिसमें वह नेगिटिव पाई गई.

संभल बस अड्डे पर डेढ़ महीने से पड़े बुजुर्ग भूतपूर्व सैनिक की मदद
इसी तर​​ह संभल जिले में चंदौसी बस अड्डे पर एक कोने में डेढ़ महीने से पड़े 70 वर्षीय बुजुर्ग का भी एल्डरलाइन सहारा बना. बुजुर्ग उत्तराखंड के खटीमा से चंदौसी अपनी बेटी से मिलने आए थे. बेटी ने उन्हें अपने घर में पनाह नहीं दी, जिसके बाद वह चंदौसी बस अड्डे पर ही पड़े रहे. हेल्पलाइन पर फोन आने के बाद एल्डरलाइन टीम ने उन्हें अपने घर तक पहुंचने में मदद की. बुजुर्ग ने अपना नाम महेश कुमार रस्तोगी बताया, वह भूतपूर्व सैनिक रहे हैं.

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