खूनी संघर्ष की आशंका बनती आ रही है नजर, 100 एकड़ जमीन पर दावेदारी पर

पिछले महीने गुदड़ी में पत्थलगड़ी मामले को लेकर हुए नरसंहार का मामला अभी भी सुलगा हुआ है. यह मामला झारखंड के पश्चिम सिंहभूम के पोड़ाहाट जंगल में घटा था.  पुलिस प्रशासन के अधिकारी अभी मामले को शांत कराने में ही जुटे हुए हैं, तो दूसरी ओर सारंडा जंगल के दो गांव बुंडू और अगरवां के ग्रामीणों के बीच वन विभाग की 100 एकड़ जमीन पर दावेदारी को लेकर खूनी संघर्ष की आशंका बनती नजर आ रही है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिला पुलिस और प्रशासन को एक साथ पोड़ाहाट और सारंडा जंगल में दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. हांलाकि पुलिस और प्रशासन काफी सतर्क है. पुलिस रोआम में बुंडू और अगरवां के ग्रामीणों के साथ आज बैठक करेगी, वहीं एक-दो दिनों में गुदड़ी में भी पत्थलगड़ी समर्थकों और विरोधियों को एक साथ बैठा कर बातचीत कर मामले को शांत करने का प्रयास करेगी.

आपसी विवाद को लेकर गुदड़ी में जहां पत्थलगड़ी को लेकर समर्थकों ने विरोधी गुट के 7 लोगों की निर्मम हत्या कर दी और शनिवार को भी गुदड़ी में समर्थकों और विरोधियों के बीच भय और डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.दूसरी तरफ सारंडा के बुंडू और अगरवां के ग्रामीणों के बीच वन भूमि पर कब्जा करने को लेकर भारी तनाव व्याप्त है. वन भूमि के कब्जे को लेकर दोनों गांव के लोगों के बीच 2014 में खूनी संघर्ष हो चुका है, जिसमें बुंडू गांव के लोगों ने अगरवां के तीन लोगों की हत्या कर दी थी. इस मामले में आज भी बुंडू के कई लोग जेल की सजा काट रहे हैं.

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