जन्मदिन विशेष : ऐसा रहा है CM योगी के जीवन के संघर्षों का सफर
लखनऊ। आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है। पांच बार सांसद बनने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने एमएससी करने के बाद सन्यास ले लिया था। उनके पिता फॉरेस्ट रेंजर थे जो 1991 में रिटायर हुए थे, हाल ही में उनका निधन हो गया।
1992 में योगी आदित्यनाथ अपना परिवार छोड़कर महंत अवैद्यनाथ के पास गोरखपुर चले गए थे। सीएम योगी चार भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। उनके दो भाई कॉलेज में नौकरी करते हैं, जबकि एक भाई सेना की गढ़वाल रेजिमेंट में सूबेदार हैं। हालांकि सीएम योगी संन्यास से पहले का जन्मदिन नहीं मनाते। इनके गोरखपुर में आने से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर बेहद संघर्षमय रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को पंचूर गांव, पौढी गडवाल, उत्तराखंड में एक राजपूत परिवार में हुआ था। संन्यास के पहले उनका नाम अजय सिंह बिष्ट था। उन्होंने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गडवाल विश्वविद्यालय से गणित में b.sc की। इसी कॉलेज से उन्होंने एमएससी भी किया।
1992 में वह पहली बार गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचे। साल 1994 में दीक्षा के बाद वह योगी आदित्यनाथ बन गए थे। योगी की दीक्षा दिलाते समय विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल भी मौजूद थे।
थाइलैंड के एक पार्क में टाइगर के बच्चे को दूध पिलाते हुए योगी की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। छोटे चीते के साथ लाड-प्यार दिखाते हुए योगी आदित्यनाथ ने लोगों से बाघों को बचाने की अपील भी की थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ 1998 में पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट से चुनाव लड़े और जीत गए थे। 12वीं लोकसभा चुनाव में वो सबसे कम उम्र के सांसद थे, उस समय उनकी उम्र केवल 26 वर्ष की थी। 1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे और हर बार उनकी जीत का आंकड़ा बढ़ता ही गया। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
योगी आदित्यनाथ इस समय यूपी के मुख्यमंत्री हैं। कोरोना संक्रमण के समय में उनके कुशल मार्गदर्शन और लोगों के प्रति मदद की भावना की सराहना विश्व स्तर पर हो रही है। सीएम योगी ने हाल ही में अपना सरकारी प्लेन स्वास्थ्य विभाग को कोरोना की दवाइयां व जांच की मशीनें लाने को दी है।