पिनाराई ने 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत: विजयन
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 11 राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है।
इसको बचाने के लिए सभी भारतीय का एकजुट होना समय की मांग है। पत्र में उन्होंने सीएए के खिलाफ केरल विधानसभा के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि बाकी राज्य भी इस तरह के कदम पर विचार कर सकते हैं। बता दें कि केरल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर इसे वापस लेने की मांग की है।
अब उसी राह पर चलते हुए तमिलनाडु और पंजाब के विधायकों ने भी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की अपील की है। हालांकि, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव असंवैधानिक है और इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है।
केरल के राज्यपाल ने कहा, नागरिकता का विषय केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। ये लोग उन चीजों में क्यों उलझे हैं जो कि केरल का मुद्दा है ही नहीं? केरल विभाजन से प्रभावित नहीं था और यहां कोई गैरकानूनी शरणार्थी नहीं है। आरिफ मोहम्मद खान ने कन्नूर में हुए इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस की निंदा की जहां लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की थी।
राज्यपाल ने कहा, हिस्ट्री कांग्रेस ने दावा किया था कि उसने राज्य सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं जिनमें केन्द्र के साथ सहयोग नहीं करने का सुझाव भी शामिल है। उनके द्वारा दिए गए सुझाव पूरी तरह गैरकानूनी और आपराधिक सामग्री वाले हैं।