पुराने किले से सत्ता के दुर्ग पर कांग्रेस की नजर, सोनिया के साथ प्रियंका रायबरेली व अमेठी में सक्रिय
कांग्रेस का पुराना किला माने जाने वाले रायबरेली में जमा कांग्रेसी कुनबा सूबे की सत्ता के दुर्ग को जीतने की रणनीति बनाने में जुटा है। बेटी और राष्ट्रीय महासचिव सह प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा के मिशन उत्तर प्रदेश को आशीर्वाद देने पहुंचीं कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में आत्मविश्वास और उम्मीदों से भरी दिखीं। प्रदेश भर से जुटे जिला और शहर अध्यक्षों से कहा कि आप सब हमारी ताकत हैं। आप सभी को मेरा आशीर्वाद है। मेहनत और ईमानदारी से संगठन को मजबूत करें, क्योंकि 2022 का विधानसभा चुनाव हमारे सामने है।
कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्षों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रायबरेली में चल रहा है। पूर्वी उत्तरप्रदेश के जिलों का दो दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार को समाप्त हुआ और पश्चिमी जोन के अध्यक्षों का शुरू हुआ। इसके साथ ही दोनों जोन के अध्यक्षों व प्रदेश पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। यह तय था कि इसे राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा संबोधित करेंगी लेकिन, अचानक कांग्रेस अध्यक्ष का भी कार्यक्रम बन गया और दोपहर में प्रियंका के साथ वह भी रायबरेली पहुंच गईं।
बैठक में सोनिया की मौजूदगी एक अभिभावक की तरह ही रही। महज तीन मिनट के औपचारिक संबोधन में उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए विधानसभा चुनाव 2022 में सरकार बनाने का लक्ष्य याद दिलाया। इससे पहले अपने करीब दस मिनट के उद्बोधन में प्रियंका ने जिला और शहर अध्यक्षों को उनकी अहमियत का अहसास भी कराया। उन्होंने कहा कि 800 कार्यकर्ताओं में से आप लोगों को चुना गया है। आप सभी को संगठन में जी जान से जुटना है। कांग्रेस की आवाज तो हर तरफ उठ रही है, लेकिन इसे वोट में बदलना है। 2022 सामने है। हमें हर हाल में सरकार बनानी है। दोनों नेता गुरुवार को भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होंगी।
सीएए और एनआरसी का जिक्र भी नहीं
जिस तरह से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस लगातार आवाज मुखर कर रही है, ऐसे में माना जा रहा था कि शीर्ष नेतृत्व इस मुहिम को तेज करने के संबंध में जिला और शहर अध्यक्षों को कोई निर्देश दे सकता है। मगर, सीएए या एनआरसी पर सोनिया और प्रियंका ने एक शब्द भी नहीं बोला।