बाबूलाल मरांडी की वापसी से भाजपा खेमे में हलचल, अगली बैठक में लिया जाएगा महत्वपूर्ण निर्णय

बाबूलाल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर केंद्र की साफगोई से वकालत करते नजर आ रहे हैं, लेकिन भाजपा में विलय की बातों को खुलकर स्वीकार नहीं कर रहे.भाजपा में झाविमो के विलय से पहले पार्टी की चूलें कसने में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के सुर भाजपाई होते दिख रहे हैं. भाजपा-झाविमो विलय से संबंधित सवाल पूछे जाने पर उन्होंने गोलमटोल ही जवाब दिया.मरांडी शनिवार को अपने पैतृक आवास कोदईबांक में पत्रकारों से मुखातिब थे. उन्होंने प्रदेश की हेमंत सरकार में मंत्रिमंडल गठन को लेकर हो रही देरी पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसे शीघ्र पूरा कर लेना होगा.

इस मामले को लेकर मरांडी ने कहा कि एनआरसी व सीएए से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.अलबत्ता, मुस्लिम डरे हुए हैं. इस डर से लोगों को बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार को जनता के बीच जाकर सही चीजें बतानी चाहिए. ङ्क्षहदू मुस्लिम आपस में उलझ रहे हैं, जो गलत है. उन्होंने कहा कि हेमंत नीत सरकार को उन्होंने बिना शर्त समर्थन दिया है, लेकिन दुख की बात है कि लंबे समय के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है. अगर आज यह स्थिति है तो राम जाने कल क्या होगा. 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी भले ही इसे स्वीकार न कर रहे हों कि पार्टी का विलय भाजपा में होगा, पंरतु इसे लेकर सुगबुगाहट भी दिख रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी कार्यसमिति की अगली बैठक में मरांडी विलय की संभावनाओं पर चर्चा कर सकते हैं. इसके बाद ही विलय की प्रक्रिया शुरू होगी.अभी पार्टी कार्यसमिति की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है.

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