बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में यूपी ने लगाई छलांग : सीएम योगी

गोरखपुर: योगी सरकार में बेसिक शिक्षा परिषद की पाठशाल अब स्मार्टशाला के रूप में दिखेगी. दशकों तक पिछड़े और संसाधन विहीन यह सरकारी प्राइमरी स्कूल अब, आधुनिक तकनीकी संसाधनों से परिपूर्ण और स्मार्ट नजर आएंगे. गोरखपुर में पहले चरण में नगर क्षेत्र के 58 बेसिक स्कूल स्मार्ट हो चुके हैं. लेकिन अब इस कड़ी में चरगांवा ब्लॉक के 68 स्कूल और जुड़ने जा रहे हैं.

सीएम योगी ने इन स्कूलों के लिए मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग एवं संपर्क फाउंडेशन की पहल पर ‘संपर्क स्मार्टशाला-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. जिसमें चरगांवा ब्लॉक के 68 परिषदीय स्कूलों में एलईडी टीवी, गणित व अंग्रेजी किट वितरित की. मुख्यमंत्री ने पांच स्कूलों के शिक्षकों को खुद अपने हाथ से टीएलएम किट दी. साथ ही संपर्क फाउंडेशन की पत्रिका का भी विमोचन किया.

स्कूलों को स्मार्ट क्लास किट वितरित

योगी राज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि शिक्षा समाज की नींव है. जब नींव दरक जाएगी तो समाज रूपी भवन कैसे बनेगा. 2017 के पूर्व बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शौचालय, फ्लोरिंग, पेयजल तक की सुविधा नहीं थी. लगभग 1.56 लाख स्कूलों में 1.34 करोड़ बच्चे जाते थे. शिक्षकों की भारी कमी थी.

सरकार ने दशा सुधारने का संकल्प लिया और बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में पारदर्शी तरीके से 1.65 लाख शिक्षकों की भर्ती की. कोई भी स्कूल जर्जर न रहे, उनमें फर्नीचर, शौचालय, पेयजल, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी और डिजिटल लाइब्रेरी हो. इसके लिए मिशन कायाकल्प शुरू किया. आज 1.36 लाख स्कूलों का कायाकल्प हो चुका है. स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 1.91 करोड़ हो चुकी है.

सीएम योगी ने कहा कि जब 2017 में वह एमएलसी बने तो अपनी पूरी निधि गोरखपुर नगरीय क्षेत्र के बेसिक स्कूलों में फर्नीचर और शौचालय बनवाने के लिए दे दी. वर्तमान में जीडीए और नगर निगम भी स्कूलों को स्मार्ट बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जनप्रतिनिधियों को भी चाहिए कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाएं और वहां के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कराएं. योगी ने कहा कि टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग से शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता तेजी से बढ़ रही है. कोरोना कालखंड में टेक्नोलॉजी के उपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना का सबसे अधिक प्रभाव स्कूली शिक्षा पर पड़ा था.

तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया की जो प्रेरणा दी, उसके इस्तेमाल से बच्चों की शिक्षा में रुकावट नहीं आने दी गई. डिजिटल इंडिया के चमत्कारिक परिणाम हरेक स्तर पर देखने को मिल रहे हैं और भारत लीडरशिप देने की स्थिति में है.

सीएम ने स्मार्ट स्कूल, स्मार्ट ब्लॉक कार्यक्रम को अभिनव प्रयोग बताते हुए इसके लिए पहल करने वाले संपर्क फॉउंडेशन की सराहना की. उन्होंने कहा कि वास्तव में शिक्षा को रचनात्मक तरीके से रोचक बनाने की जरूरत है, जिससे बच्चा स्कूल जाने को खुद आतुर रहे.

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