भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए पढ़े ये आरती
इस साल 30 अगस्त, 2021, सोमवार को जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में आता है और यही वह दिन है जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। आप सभी को बता दें कि इस दिन को बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इस दिन व्रत भी रखा जाता है और भगवान श्री कृष्ण की विधि- विधान से पूजा- अर्चना कर उनकी आरती की जाती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं आरती श्री कृष्ण भगवान, जिसे आपको पूजा-अर्चना के बाद गाना है ताकि आपको श्री कृष्ण का आश्रीवाद मिले।
आरती श्री कृष्ण भगवान-
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की।।।॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की।।।॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की।।।॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की।।।॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥