यमुना का जलस्तर लगातार बढऩे की वजह से सौ से अधिक गांवों को लोग घरों को कर रहे खाली…..

यमुना का जलस्तर लगातार बढऩे की वजह से जिले के सवा सौ से अधिक गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। शुक्रवार को कालपी के मोहल्लों में भी पानी भरने लगा। जिसके बाद लोग घरों को खाली करने लगे हैं। सबसे बुरी स्थिति अब कुठौंद क्षेत्र में दिखने लगी है। शंकरपुर के पास यमुना का पानी पुल के ऊपर से चलने लगा। जिसके बाद वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। इसी तरह के माधौगढ़ व रामपुरा ब्लॉक में यमुना के अलावा पहूज नदी भी उफान की वजह से करीब पचास गांव मुख्य धारा से कट गए हैं। प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है। एनडीआरएफ की और सेना की टीमें बचाव कार्य के लिए बुलाई गईं हैं।

 

औरैया हाइवे हुआ बंद : जिले के कुठौंद से औरैया जाने वाले हाइवे पर शंकरपुर के आगे शेरगढ़ घाट पर यमुना नदी पर बने पुल के ऊपर से पानी चलने के कारण प्रशासन ने हाइवे को पूरी तरह से बंद कर दिया है, जिससे अब औरैया से दिल्ली जाने वाली बसें रोक दी गई हैं। किसी को भी इस हाइवे से जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

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पीपों का पुल बहा : रामपुरा क्षेत्र में पहुज नदी पर पर बना पीपों का पुल बह गया है और पीपे सिंध नदी पर जुहीघाट पुल से टकरा गए। इसके साथ ही कुसेपुरा, बिलौड़ गांव पूरी तरह से पानी में डूब गया है। इसके साथ ही आसपास के ग्रामीणों में भय बढ़ता ही जा रहा है।

सेना के जवानों ने संभाला मोर्चा : रामपुरा क्षेत्र में बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत कार्य के लिए दो बटालियन सेना के जवानों को नाव व स्टीमर के साथ बचाव कार्य में लगा दिया है जिससे किभी तरह की जनहानि न हो सके। इसके साथ सेना के जवान लगातार गांवों में रेस्क्यू चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लेकर जा रहे हैं।

 

5 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा पानी : केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि अभी यमुना का जलस्तर 112.48 मीटर है। इसके साथ ही इसका जलस्तर 5 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जिससे अभी यह 113 मीटर तक पहुंच सकता है। पानी घटने के अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं।

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