वन्यजीवों की तस्करी रोकने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटे भारत और नेपाल, वाट्सएप के माध्यम सूचनाओं का होगा आदान-प्रदान

 Indo-Nepal Coordination Meeting: चिंताजनक हद तक बढ़ रही मानव एवं वन्यजीवों की तस्करी रोकने के लिए भारत और नेपाल नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। दोनों देश के सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों ने सोमवार की शाम सीमा सुरक्षा बल के अगैया स्थित मुख्यालय के सभागार में समन्वय बैठक की, जिसमें सीमावर्ती जिलों के शीर्ष अधिकारियों ने एक-दूसरे को मोबाइल एवं वाट्सएप के माध्यम सूचनाओं को त्वरित गति से आदान-प्रदान करने का ताना-बाना बुना।

बैठक में तय किया गया कि मानव तस्करी, गौ तस्करी, वन्यजीव एवं संपदा की तस्करी रोकने के लिए आपसी समन्वय को और सघन बनाया जाएगा। सीमा पार कर आने-जाने वाले अपराधियों को पकड़ कर पूछताछ एवं कार्रवाई से एक-दूसरे को अवगत कराया जाएगा। जून माह में मानव तसकरी में लिप्त नेपाली अपराधी के भरवा बंदूक सहित पकड़क जाने से चिंता बढ़ी है। इस मौके पर वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए निगरानीतंत्र को और मजबूत तथा प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया।

 

बैठक में भारत की ओर से बहराइच के जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र, पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार, सीमा सुरक्षाबल की 42वीं वाहिनी के कमांडेंट तपन दास, 59वीं वाहिनी के उप कमांडेंंट वैभव आदि अधिकारी बैठक में शामिल रहे तो वहीं नेपाल की ओर से बांके जिले के मुख्य विकास अधिकारी शिवराम गेलाल, पुलिस अधीक्षक श्यामकृष्ण अधिकारी, एबीएफ के कमांडेंट अशोक बाम, बर्दिया जिले के सीडीओ संतबहादुर सोनार, एसपी ईश्वर कार्की, कमांडेंट नरबहादुर रावत ने हिस्सा लिया।

कोरोनाकाल में आक्सीजन देने के लिए जताया आभार: जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने कोरोनाकाल में कोविड से बचाव एवं मरीजों के लिए आवश्यकतानुसार आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए नेपाल के अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि नेपाल के भारत से सदैव अच्छे संबंध रहे हैं। सीमावर्ती इलाके में उसे और प्रगाढ़ बनाया जाना चाहिए।

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