वसंत पंचमी पर वासंती बयार में झूमेंगे ठा. बांकेबिहारी, शुरू होगा 45 दिन चलने वाला होली का उल्लास

सब जग होरी ब्रज होरा। रंगों का यह त्योहार ब्रज में 45 दिन तक चलता है। इसकी शुरुआत वसंत पंचमी से होगी। इस दिन ठा. बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी को गुलाल अर्पण कर रसिया, धमार का गायन शुरू होगा। भक्त भी गुलाल उड़ाकर होली आने का अहसास कराएंगे। 

परंपराओं के मुताबिक फाल्गुन शुक्ल पूर्णमासी की रात होली जलाए जाने वाले चौराहों पर इसी दिन डांढ़ा गाड़ा जाता है। डांढ़ा लकड़ी का एक टुकड़ा होता है जिसके आसपास होलिका सजाई जाती है। ठा. बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल एकादशी को रंगभरनी एकादशी होगी। इस दिन ठा. बांकेबिहारी मंदिर में गुलाल के स्थान पर ठाकुरजी को टेसू के फूलों से बने रंग के छींटे देकर गीले रंगों की होली शुरु होगी। यही रंग प्रसाद रूप में भक्तों पर छिड़का जाता है।

सेवायत नित गाएंगे होली के पद

ठा. बांकेबिहारी मंदिर में वसंत पंचमी से ही होली के पदों का गायन शुरू होगा। मान्यता है कि सेवायत ठाकुरजी को होली के लिए तैयार करने के लिए पद गाकर सुनाते हैं। रंगभरनी एकादशी से शुरू होने वाली गीले रंगों की होली खेलने को ठाकुरजी पूरी तरह तैयार हो जाएं।

45 दिन चलेगा होली का सिलसिला

वसंत पंचमी से ब्रज के सभी मंदिरों में गुलाल की होली शुरू होगी। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा। इस बार बसंत पंचमी पर्व 29 जनवरी को है। रंगभरनी एकादशी से ठा. बांकेबिहारी, राधाबल्लभ समेत सभी मंदिरों में गीले रंगों की होली का आनंद लेने को देश-दुनिया से श्रद्धालु डेरा डालेंगे।

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