सदफ जफर समेत कई को मिली जमानत
सीएए के खिलाफ आंदोलन में हुए थे गिरफ्तार
नई दिल्ली/लखनऊ। लखनऊ में नगरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन में गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी, पवन राव अंबेडकर और कई को शुक्रवार को जमानत मिल गई है। बता दें कि इन लोगों से 19 दिसंबर को लखनऊ से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के चलते गिरफ्तार किया गया था।
सेशन कोर्ट द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद जिला न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई।’ बता दें कि हजरतगंज पुलिस ने जफर और अन्य को आईपीसी की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जफर के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया गया था।
उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। जफर की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार को यह कहते हुए लताड़ लगाई कि इसने “अमानवीयता की सभी हदें पार कर दी हैं।
” प्रियंका ने जफर के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए जफर के घर पहुंचते ही रविवार को ट्वीट किया कि, “पुलिस ने बेबुनियाद आरोप लगाकर सदफ को जेल में डाल दिया है।”बता दें कि 19 दिसंबर को आंदोलन में 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। उन्होंने तब कहा था कि, ”सदफ के दोनों बच्चे अपनी मां की रिहाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस संवेदनहीन सरकार ने बच्चों को अपनी मां से, बूढ़ों को अपने बच्चों से जुदा कर रखा है।
प्रियंका ने बीते शनिवार रात सदफ के परिजन से लखनऊ स्थित अपने आवास पर मुलाकात की और उन्हें हिम्मत बंधाते हुए कहा था कि कांग्रेस उनके साथ मजबूती से खड़ी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जानकरी दी थीकि, ”सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के मामले में हाल में गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एस. आर. दारापुरी के परिजन से मिलने के लिए प्रियंका शनिवार को उनके घर जा रही थीं लेकिन उस दौरान मची अफरातफरी को देखते हुए सदफ के परिजन खुद उनके आवास पर पहुंचे थे।