अपने मुंह को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए जानिए ओरल हेल्थ प्लान के बारे में
अच्छी ओरल हेल्थ यानी अपने मुंह को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में सिर्फ ब्रश करना ही शामिल नहीं है। अपने दांतों और मुंह को जीवन भर स्वस्थ रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। लोग ओरल हेल्थ केयर की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन मुंह की सफाई के अभाव में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। यहां जानिए कैसा होना चाहिए ओरल हेल्थ प्लान यानी दांतों की ठीक से देखभाल कैसे करें-
अपने ओरल हेल्थ की जरूरतों को समझें
अपने मुंह और खासतौर पर दांतों को समझना जरूरी है। इनकी बनावट कैसी है, क्या खाने से इन पर बुरा असर पड़ता है, किन बातों का ख्याल रखा जाए तो इन्हें सेहतमंद रखा जा सकता है। डेंटिस्ट या अन्य ओरल हेल्थ केयर स्पेशलिस्ट से इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। जब भी डॉक्टर या डेंटिस्ट को दिखाने जाएं, इन बातों की जानकारी जरूर लें। कई शारीरिक स्थितियां ओरल हेल्थ को प्रभावित करती हैं जैसे – कैंसर ट्रीटमेंट्स, गर्भावस्था, हृदय रोग, मधुमेह, डेंटल अपलायंस जैसे डेन्चर, ब्रेसिज सभी ओरल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं और मुंह तथा दांतों की देखभाल में बदलाव की आवश्यकता हो सकती है।
अपने रोजाना के ओरल हेल्थ रूटीन को फॉलो करें
डेंटिस्ट को अपनी पूरी स्थिति बनाएं और चर्चा के आधार पर एक ओरल हेल्थ रूटीन तैयार करें, जिसका रोजाना पालन करना आसान हो। उदाहरण के लिए, गर्भावस्था और मधुमेह सहित विशेष परिस्थितियों वाले लोगों को अपने मुंह को स्वस्थ रखने के लिए अतिरिक्त निर्देश की आवश्यकता हो सकती है। यहां तक कि कुछ मामलों में इलाज की जरूरत भी हो सकती है।
फ्लोराइड का प्रयोग करें
फ्लोराइड के इस्तेमाल से बच्चों और बड़ों को फायदा होता है। फ्लोराइड बच्चों में दांत विकसित करने में मदद करता है। साथ ही बच्चों और वयस्कों दोनों में दांतों की सड़न को रोकता है। नल के पानी में फ्लोराइड का स्तर दांतों के क्षय को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। फ्लोराइड की जरूरत के बारे में डेंटिस्ट से बात करें।
रोजाना ब्रश, फ्लॉस और कुल्ला करें
दांतों को रोजाना कम से कम दो बार यानी सुबह और सोने के समय से पहले ब्रश करें। साथ ही रोजाना कम से कम एक बार फ्लॉस करें। बेहतर होगा कि हर भोजन और नाश्ते के बाद ब्रश करें। इससे दांतों में जमी गंदगी दूर होती है, जिसे यदि नहीं हटाया जाता है, तो शर्करा के साथ मिलकर एसिड बनती है जो दांतों के क्षय का कारण बनती है। बैक्टीरिया वाली गंदगी से मसूड़ों की बीमारी और अन्य पीरियडोंटल बीमारियां भी होती हैं।
तंबाकू उत्पादों का सेवन बंद करें
सिगरेट पीने या धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने से मुंह व अन्य तरह के कैंसर, मसूढ़े की बीमारी, सांसों की बदबू और अन्य ओरल तथा सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। www.myupchar.com के डॉ. एहसान रजी का कहना है कि मुंह में जलन भी एक बड़ी परेशानी है। इससे बचने के लिए तंबाकू छोड़ दें, खट्टी या एसिडिटी पैदा करने वाली अन्य चीजें न खाएं, ज्यादा मसालों का सेवन न करें, कार्बोनेट पेय से बचें और ज्यादा तनाव में न रहें।
संतुलित आहार लें
विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाएं, लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थ कम खाएं जिनमें शर्करा और स्टार्च शामिल हों जैसे कुकीज, केक, कैंडी, आइसक्रीम, किशमिश, सॉफ्ट ड्रिंक, आलू के चिप्स। ये खाद्य पदार्थ मुंह में सबसे अधिक एसिड का उत्पादन करते हैं, जो क्षय प्रक्रिया शुरू करते हैं। यदि आप स्नैक करते हैं, तो बाद में दांतों को ब्रश करें या शुगरलेस च्वंगम चबाएं।