अपर मुख्य सचिव ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्विद्यालयों तथा संस्थान के नवाचारों पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता ने आज राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों तथा संस्थान के नवाचारों पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों एवं संस्थान को सरकारी आर्थिक सहयोग पर अपनी निर्भरता घटाने तथा आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक लाभ देने वाले और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने वाले सभी नवाचार शीर्ष प्राथमिकता से प्रारम्भ कर दिए जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों से अपने संसाधनों का बहुउदद्ेशीय प्रयोग और तकनीकी क्षमताओं का विस्तार करके मानव श्रम आवश्यकताओं को घटाने के लिए भी कहा।
अपर मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों को अधिक कृषि उपयोगी एवं कृषकों के लिए हितकारी शोध विषयों से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जो भी शोध हों उनकी जन-उपयोगिता भी सुनिश्चित की जाए तथा शोध परिणामों को कृषकों में प्रचारित करके व्यवसायिक भी बनाया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित बेहतर और लाभप्रद नवाचारों को आपस में साझा करने के लिए भी कहा, जिससे पूरे प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कृषकों को उसका व्यापक लाभ प्राप्त हो।
कृषि अपशिष्ट और उससे उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने इसके सह उत्पादों में बेहतर उपयोग के विकास की आवश्यकता को बताया। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में पराली के लिए बेहतर विकल्प पूरी क्षमता से उपलब्ध जहां वे पराली से भी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। हमें भी विश्वविद्यालय स्तर पर ऐसे विकल्पों को तैयार करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कृषि एवं उसके अपशिष्ट के अधिकतम व्यावसायिक उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में क्षमता संवर्द्धन विकसित करने को कहा।
प्रदेश में अन्य राज्यों से आयातित होने वाली फसलों एवं पशुधन पर चर्चा करते हुए उन्होंने उन फसलों तथा पशु की नस्लों का प्रदेश में विकास करने तथा उन्हे किसानों के मध्य सहज उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने प्रदेश से निर्यात किये जा सकने वाले कृषि उत्पादनों में भी बहुउपयोगिता बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे व्यावसायिकों में विविध प्रकार के उत्पादनों के लिए प्रदेश की फसलों की मांग उत्पन्न हो।
अपर मुख्य सचिव ने बैठक में कृषि शिक्षा के विद्यार्थियों को कृषि उत्पादन से जुड़े औद्योगिक संस्थानों में भ्रमण कराने तथा पुराने विद्यार्थियों द्वारा स्थापित प्रतिष्ठानों का अवलोकन कराने को भी कहा। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के पुराने छात्रों का विवरण रखा जाए और अध्ययनरत छात्रों को उनके अनुभवों की जानकारी भी कराई जाए।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि खेती के तौर-तरीकों में विश्वस्तर पर आ रहे लाभकारी परिवर्तनों का अध्ययन करने तथा कम जमीन में अधिक उत्पादन की प्रचलित विधियों से किसानों को भी अवगत कराने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल परिसरों तक सीमित न रहें, किसानों से जुड़े, उनकी आवश्यकताओं को समझें, व्यवसायिक दृष्टिकोण भी बढ़ाएं और पौष्टिकता को भी सुनिश्चित करें।
बैठक में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-कुमारगंज- अयोध्या, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय-बांदा, सरदार वल्लभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय-मेरठ तथा पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान-मथुरा द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया।
अपर मुख्य सचिव राज्यपाल की अध्यक्षता में चली बैठक में उक्त सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।
डा0 सीमा गुप्ता/राजभवन