अब खिलौने बनाना सिखायेंगें गुरूजी

खिलौनों को अगर सीखने.सिखाने की प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए तो इस उद्योग को रफ्तार मिलेगी। इसी मंशा के साथ पहले राष्ट्रीय खिलौना मेला ;आईटीएफ में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद को 75 स्टॉल दी गई हैं। इस मेले में यूपी के शिक्षक और स्कूल भी भाग लेंगे। यह मेला 27 फरवरी से 2 मार्च तक वर्चुअल तरीके से आयोजित होगा।

इस मेले से उन शिक्षकों को प्रोत्साहन व मंच मिलेगा जो सिखाने के लिए अपने खेल.खिलौने व एजुकेशनल किट तैयार करते हैं। इसके तहत खिलौनेए शैक्षिक किटए आओ करके सीखेए इलेक्ट्रॉनिक खिलौनेए डिजिटल खेलए बोर्ड गेम आदि बनाया जा सकेगा।

खिलौने तैयार करने का एक प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा। ऐसे खिलौने बनाने हैंए जिनका उपयोग संस्कृतिए इतिहासए भारतीय सभयताए सामाजिक व मानवीय मूल्यए पर्यावरणए गणितए विज्ञान आदि पढ़ाने में किया जा सके। इसमें दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए भी खिलौने बनाए जा सकेंगे।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने इसके लिए नियमावली जारी कर दी है। इसमें सरकारीए सहायताप्राप्त व निजी प्राइमरीए जूनियरए इंटरमीडिएट स्कूल भाग ले सकेंगे। एससीईआरटी के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने उत्तर प्रदेश की ओर से ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागिता करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2020 में ष्मन की बातष् में खिलौना उद्योग में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया था। उसी से प्रेरणा लेकर एक्सपेार्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ हैण्डीक्राफ्ट इस मेले का आयोजन कर रही है। इसमें मध्यमए लघु व सूक्ष्म उद्योगों को मौका दिया जा रहा है।

 

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