अब तो बारिश से ही बुझेगी ऑस्‍ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग, दमघोटू धुएं बेहाल हुआ सिडनी

Australian Bushfire ऑस्‍ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के बुझने की उम्‍मीदें हकीकत में बदल सकती हैं। देश के मौसम विभाग ने भारी बारिश पूर्वानुमान जारी किया है इससे माना जा रहा है कि ऑस्‍ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग बुझ जाएगी। लेकिन आग के कारण पैदा हुए धुएं ने ऑस्‍ट्रेलिया के दूसरे बड़े शहर सिडनी को बेहाल कर रखा है। धुएं के कारण सिडनी में प्रदूषण की स्थिति खतरनाक हो गई है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिडनी को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया है।

हालांकि, मौसम के बदले मिजाज ने आग से जूझ रहे अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को कुछ राहत जरूर दी है। उन इलाकों में जहां आग अनियंत्रित थी अब नियंत्रण में आने लगी है। न्‍यू साउथ वेल्‍स ग्रामीण के फायर सर्विस कमिश्‍नर शाने फि‍त्‍जसिमोंस Shane Fitzsimmons ने कहा कि मौसम विभाग की भविष्‍यवाणी सुकून पैदा करने वाली है। जनवरी में होने वाली बारिश राहत दे सकती है। हालांकि अभी भी दर्जनों जगहें ऐसी हैं जहां आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

धुएं के कारण मेलबोर्न में भी प्रदूषण की स्थिति विकराल हो गई है। ऐसी स्थितियां ऐसे समय पैदा हुई हैं जब अगले हफ्ते से ऑस्‍ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट Australian Open tennis tournament शुरू होने जा रहा है। आग में अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 2,000 घर जलकर नष्‍ट हो चुके हैं। आग 10 मिलियन हेक्‍टेयर में फैली थी जो दक्षिण कोरिया या पूर्तगाल के क्षेत्रफल के बराबर है।

आग से 15 मिलियन हेक्टेयर का क्षेत्र जल चुका है जिसको फिर से सहेजने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया की सरकार ने 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई (34.5 मिलियन डॉलर) डॉलर खर्च करने की घोषणा की है। आग से बचाव के लिए दुनिया की सबसे बड़ी फायर सर्विस (74 हजार) काम कर रही है। यही नहीं ऑस्ट्रेलिया में स्तनधारियों के विलुप्त होने की दर बढ़ गई है। आलम यह है कि ऑस्ट्रेलिया में ऊंचे पेड़ों पर रहने वाले खूबसूरत जीव कोआला को विलुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया जा सकता है।

रिपोर्टों में कहा गया है कि आग से बड़ी संख्या में कोआला मारे गए और उनके रहने के 30 फीसद स्थान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। यही नहीं इस आपदा ने प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन की लोकप्रियता पर भी असर डाला है। स्कॉट मौरिसन की व्यक्तिगत रेटिंग भी आठ फीसद गिरकर 37 फीसद रह गई है। सर्वे के नतीजों में 59 फीसद मतदाता उनके कामकाज से असंतुष्ट हैं। यही नहीं महज 37 फीसद लोगों ने ही उन पर यकीन जताया है।

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