अब रेलवे बोर्ड रेल कोच फैक्ट्री को पुष्पक एक्सप्रेस के लिए 70 एलएचबी बोगियों के तीन रैक बनाने का देगा आदेश

मुंबई जाने वाली शहर की वीआइपी ट्रेन पुष्पक एक्सप्रेस का कायाकल्प करने की भी तैयारी चल रही है। अब इस ट्रेन के रैक को भी बदला जाएगा। इसमें लगे वर्षों पुराने कनवेंशनल कोच को हटाकर लिंक हॉफमैन बुश (एचएचबी) करने के पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। अब रेलवे बोर्ड रेल कोच फैक्ट्री को पुष्पक एक्सप्रेस के लिए 70 एलएचबी बोगियों के तीन रैक बनाने का आदेश देगा।

मुंबई के लिए पुष्पक एक्सप्रेस वीआइपी यात्रियों की पहली पसंद है। लेकिन रेलवे बोर्ड अब तक इसके कनवेंशनल कोच को नहीं हटा सका है। जबकि कुछ माह पहले ही कुशीनगर एक्सप्रेस को भी एलएचबी कर दिया गया था। एलएचबी बोगियां स्टेनलेस स्टील की होती हैं। जो कि 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक दौड़ सकती हैं। यह हल्की बोगियां इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ते समय ऊर्जा की खपत भी कम करती हैं। जबकि कनवेंशनल बोगियां वजनी होने के साथ ही इसकी सीटों की संख्या भी कम होती है। कनवेंशनल की स्लीपर में 72, एसी थर्ड में 64 और एसी सेकेंड में 46 सीटें होती हैं। जबकि एलएचबी की एक स्लीपर बोगी में 84, एसी थर्ड में 72 बोगियां होती हैं। जनरेटर कार से चलने वाली इन बोगियों के कारण एसी की कूलिंग भी कनवेंशनल कोच से बेहतर होती हैं। सीटें भी आरामदायक रहती हैं। अगले कुछ महीनों में कानपुर के गोविंदपुरी से झांसी तक पूरा रूट डबल हो जाएगा। जिसके बाद ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी। ऐसे में पुष्पक एक्सप्रेस का रैक एलएचबी होने पर यह ट्रेन एक से दो घंटे का समय भी बचा सकेगी। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की डीआरएम डॉ. मोनिका र्अिग्नहोत्री ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के रैक को बदलकर एलएचबी करने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूर कर लिया है। उम्मीद है रेल कोच फैक्ट्री से बनकर बाहर निकलने वाली अगली एलएचबी खेप पुष्पक एक्सप्रेस को आवंटित होगी।

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