अमृतसर में आटा चक्की व तीन गोदामों से सरकारी गेहूं की एक हजार बोरियां हुई बरामद..

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत बांटे जाने वाले गेहूं में बड़ा गोलमाल सामने आया है। इस योजना का गेहूं लाभार्थियों को बांटने के बजाय आटा चक्कियों पर भेजा जा रहा है। शुक्रवार को अमृतसर के शक्ति नगर में एक आटा चक्की व तीन गोदामों से सरकारी गेहूं की एक हजार बोरियां बरामद की गईं। यह गेहूं रात को एक ट्रैक्टर ट्राली से उतारा जा रहा था।

आरटीआइ कार्यकर्ता व समाज सेवक ने किया पर्दाफाश

यहां से इसे छोटे रिक्शा में डालकर सीधे आटा चक्की में भेजा जा रहा था। यह सारा काम डिपो धारक फिरोज की मौजूदगी में हो रहा था। आरटीआइ कार्यकर्ता वरुण सरीन व समाज सेवक विक्की दत्ता ने इसका पर्दाफाश किया और खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। एक घंटे बाद विभाग के इंस्पेक्टर निमित महाजन मौके पर पहुंचे। विभाग ने डिपो धारक को निलंबित कर दिया है। आटा चक्की (मोहन दी चक्की) मालिक पर भी कार्रवाई को लिखा गया है। डिपो धारक एक पार्षद का करीबी है व पार्षद पूर्व विधायक का खास है।

एक किलो गेहूं पर एक रुपया कमीशन

सरीन व दत्ता ने बताया कि ट्राली को तिरपाल से ढका हुआ था। जब चालक से गेहूं उतारने के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि यह गेहूं डिपो धारक फिरोज ने इसे आटा चक्की पर उतारने के लिए कहा है। आटा चक्की व नजदीक के दो गोदामों में गेहूं की काफी बोरियां बरामद हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि आटा चक्कियों से एक रुपया प्रति किलो कमीशन ली जा रही है।

यह है नियम

सरकारी गेहूं गोदाम से सीधे डिपो में उतारा जाता है। इंस्पेक्टर के सामने सरकारी गेहूं बांटा जाता है। डिपो धारक द्वारा गेहूं लोड करने का कोई नियम नहीं है। शाम पांच बजे के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के किसी भी गोदाम से सरकारी गेहूं बाहर नहीं आ सकता, लेकिन यह गेहूं रात करीब साढ़े सात बजे के बाद उतारा जा रहा था। नियम के विरुद्ध निलंबित डिपो धारक को 500 से अधिक नीले कार्डों की सप्लाई जा रही थी।

ये अधिकारी जिम्मेदार

1. इंस्पेक्टर, निमित महाजन:

सरकारी गेहूं सीधे आटा चक्कियों पर पहुंच रहा है, तो पहली जिम्मेदारी विभाग के इंस्पेक्टर की बनती है। जब भी डिपो धारक को गेहूं आवंटित होता है, तो वह इंस्पेक्टर के माध्यम से ही होता है। उन्होंने कहा कि डिपो धारक को निलंबित कर दिया गया है।

2. सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी (एएफएसओ), सौरभ महाजन:

शहरी इलाके में डिपो धारकों को सरकारी गेहूं बांटने की जिम्मेदारी एएफएसओ की है। उन्होंने कहा कि आटा चक्की पर सीधे गेहूं भिजवाने के मामले की जांच इंस्पेक्टर करता है। जांच के बाद कार्रवाई होगी। आटा चक्की के मालिक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा गया है।

3. जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी (डीएफएसओ), महिंदर अरोड़ा:

एएफएसओ के स्तर पर कोई चूक न हो, इस पर नजर रखना इनका काम है। उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

4. जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी), संयोगिता:

इन पर सभी योजनाओं को सुचारू ढंग से जिले में लागू करवाने और गड़बड़ियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी है। इन्होंने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

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