योगी सरकार की नई मुहिम, आउट ऑफ स्कूल छात्रों को प्रवेश के साथ ही दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण
- आउट ऑफ स्कूल बच्चों को वापस स्कूल लाने की मुहिम के तहत योगी सरकार की पहल
- 1 जुलाई से चिन्हित आउट ऑफ स्कूल छात्रों को मिलेगा 9 माह का विशेष प्रशिक्षण
- 7 से 14 वर्ष आयु के आउट ऑफ स्कूल छात्रों को स्तरीय शैक्षिक स्तर तक लाने का किया जाएगा प्रयास
लखनऊ, 28 जून।
विभिन्न कारणों से विद्यालय बीच मे ही छोड़ चुके छात्रों को वापस स्कूल लाने की मुहिम में
जुटी योगी सरकार ऐसे छात्रों को न सिर्फ विद्यालयों में प्रवेश देगी, बल्कि उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया
जाएगा। इस विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से करीब 2.85 लाख छात्रों को नामांकित कक्षा में पढ़ रहे अन्य छात्रों
के स्तर तक लाने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार
अधिनियम-2009 एवं राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित नियमावली के अंतर्गत 6-14 आयु वर्ग के आउट ऑफ
स्कूल एवं ड्राप आउट बच्चों को चिन्हित कर उन्हें आयुसंगत कक्षा में नामांकित कराकर विशेष प्रशिक्षण प्रदान
किए जाने का प्राविधान किया गया है। शारदा कार्यक्रम के अन्तर्गत शैक्षिक सत्र 2022-23 में चिन्हित आउट
ऑफ स्कूल बच्चों को आयु संगत कक्षा में नामांकित कर शैक्षिक सत्र 2023-24 में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया
जाना है।
1 जुलाई से शुरू होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत
चिन्हित आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन 01 जुलाई से प्रारंभ करना
सुनिश्चित किया जाए। आउट ऑफ स्कूल बच्चों को 09 माह का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यदि
छात्र द्वारा निर्धारित अवधि में कक्षानुसार अधिगम स्तर प्राप्त नहीं किया गया, तो ऐसी दशा में विशेष
प्रशिक्षण की अवधि का विस्तार किया जा सकता है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के विशेष प्रशिक्षण के लिए
प्रत्येक विद्यालय में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा एक नोडल अध्यापक नामित किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान
बच्चों का त्रैमासिक मूल्यांकन आयुसंगत कक्षा के स्तर तक लाने के लिए किया जाएगा।
नोडल अध्यापक करेंगे त्रैमासिक मूल्यांकन
आउट ऑफ स्कूल बच्चों का प्रारंभिक मूल्यांकन शारदा एप के माध्यम से 20 जुलाई 2023 तक पूर्ण किया
जाएगा। आयुसंगत कक्षा के स्तर तक लाने के लिए नोडल अध्यापक द्वारा मूल्यांकन के परिणाम के आधार
पर शिक्षण योजना तैयार की जाएगी। विशेष प्रशिक्षण की अवधि में नोडल अध्यापक द्वारा आउट ऑफ स्कूल
बच्चों का त्रैमासिक मूल्यांकन किया जाएगा। विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में बच्चों द्वारा किए गए कार्यों एवं वर्कशीट
को बच्चों के फोल्डर अथवा प्रोफाइल में संरक्षित किया जाएगा।
स्पेशल एजूकेटर्स की भी ली जाएगी मदद
स्पेशल एजुकेटर्स को आवंटित न्याय पंचायतों के विद्यालयों का अनुश्रवण कर नोडल अध्यापक को आउट ऑफ
स्कूल बच्चों के विशेष प्रशिक्षण के संचालन में सहयोग प्रदान किया जाएगा। स्पेशल एजुकेटर द्वारा प्रतिमाह
20 विद्यालयों का अनुश्रवण किया जाएगा। आवंटित विद्यालयों में समस्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों का
प्रारंभिक एवं त्रैमासिक मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रशिक्षण की होगी नियमित निगरानी
मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विशेष
प्रशिक्षण केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। विद्यालय में बच्चों के अभिभावक एवं माता-पिता
के साथ नियमित बैठकें कराकर प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों की निरंतर उपस्थिति, सीखने की क्षमता व सीखने
की प्रगति से उन्हें अवगत कराया जाएगा। नियमित उपस्थिति न होने पर बच्चों की अनुपस्थिति के कारणों का
पता लगाकर उसका निवारण कराया जाएगा। दिव्यांग बच्चों का चिन्हांकन, नामांकन एवं विद्यार्जन के लिए
विद्यालय प्रबंध समिति की सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी तथा प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक उनका
अनुश्रवण कराया जाएगा।