आज है वट सावित्री व्रत की पूजा, जानिए संपूर्ण विधि
वट सावित्री व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
वट सावित्री व्रत की तिथि: 22 मई 2020
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 21 मई 2020 को रात 9 बजकर 35 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 22 मई 2020 को रात 11 बजकर 8 मिनट तक
वट सावित्री पूजन सामग्री
सत्यवान-सावित्री की मूर्ति, धूप, मिट्टी का दीपक, घी, फूल, फल, 24 पूरियां, 24 बरगद फल (आटे या गुड़ के) बांस का पंखा, लाल धागा, कपड़ा, सिंदूर, जल से भरा हुआ पात्र और रोली.
वट सावित्री व्रत विधि
– महिलाएं सुबह उठकर स्नान कर नए वस्त्र पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
– अब निर्जला व्रत का संकल्प लें और घर के मंदिर में पूजन करें।
– अब 24 बरगद फल (आटे या गुड़ के) और 24 पूरियां अपने आंचल में रखकर वट वृक्ष पूजन के लिए जाएं।
– अब 12 पूरियां और 12 बरगद फल वट वृक्ष पर चढ़ा दें।
– इसके बाद वट वृक्ष पर एक लोट जल चढ़ाएं।
– फिर वट वक्ष को हल्दी, रोली और अक्षत लगाएं।
– अब फल और मिठाई अर्पित करें।
– इसके बाद धूप-दीप से पूजन करें।
– अब वट वृक्ष में कच्चे सूत को लपटते हुए 12 बार परिक्रमा करें।
– हर परिक्रमा पर एक भीगा हुआ चना चढ़ाते जाएं।
– परिक्रमा पूरी होने के बाद सत्यवान व सावित्री की कथा सुनें।
– अब 12 कच्चे धागे वाली एक माला वृक्ष पर चढ़ाएं और दूसरी खुद पहन लें।
– अब 6 बार माला को वृक्ष से बदलें और अंत में एक माला वृक्ष को चढ़ाएं और एक अपने गले में पहन लें।
– पूजा खत्म होने के बाद घर आकर पति को बांस का पंख झलें और उन्हें पानी पिलाएं।
– अब 11 चने और वट वृक्ष की लाल रंग की कली को पानी से निगलकर अपना व्रत तोड़ें।
वट सावित्री व्रत के दिन ही शनि जयती भी मनाई जाती है.