आभा आईडी से 1 करोड़ टोकन जेनरेट करने वाला भारत का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश
- प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के प्रति लोगों में जागरूकता और सक्रिय भागीदारी के लिए योगी
सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का असर - आभा आईडी के माध्यम से एक करोड़ टोकन जेनरेट कर उत्तर प्रदेश ने बनाया एक और कीर्तिमान, आसपास भी
नहीं है कोई दूसरा राज्य - 60 लाख टोकन जेनरेशन के साथ दूसरे स्थान पर है आंध्र प्रदेश तो 42 लाख से ज्यादा टोकन बनाने वाला
कर्नाटक तीसरे स्थान पर
लखनऊ, 29 जून। हेल्थ सेक्टर में लगातार कीर्तिमान बना रहे उत्तर प्रदेश ने अब एक और उपलब्धि अपने नाम की है। प्रदेश ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी के माध्यम से एक करोड़ टोकन जेनरेट करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। इतनी बड़ी संख्या में टोकन जेनरेट करने वाला उत्तर प्रदेश भारत का पहला और एकमात्र राज्य है। उत्तर प्रदेश ने अब तक कुल एक करोड़ 43 टोकन जेनरेट किए हैं।
टोकन जेनरेशन के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का स्थान आता है, जिसने 60 लाख 33 हजार 104 टोकन जेनरेट किए हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर कर्नाटक है, जिसने कुल 42 लाख 57 हजार 944 टोकन जेनरेट किए हैं। इस क्रम में जम्मू और कश्मीर (38,87,226), दिल्ली (22,28,079), बिहार (15,65,332), मध्य प्रदेश (12,53,722), महाराष्ट्र (7,96,938), छत्तीसगढ़ (7,34,781), ओडिशा (5,06,580) और गुजरात (3,83,789) जैसे राज्यों का स्थान आता है। उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश ने आभा आधारित ओपीडी रजिस्ट्रेशन में 80 लाख के आंकड़े को पार कर भी नया रिकार्ड बनाया था। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश ने 10 करोड़ आभा आईडी बनाने का भी कीर्तिमान बनाया था। आभा टोकन जेनरेशन और आईडी बनाने की यह उपलब्धियां सीएम योगी द्वारा प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के प्रति लोगों में जागरूकता और सक्रिय भागीदारी के लिए किए गए प्रभावी प्रयासों का नतीजा है।
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की पहल है। यह आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत शुरू किया गया एक स्वास्थ्य बचत खाता है। इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उनकी स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आभा आईडी नागरिक के आधार या मोबाइल नंबर से जुड़ी एक अद्वितीय 14 अंकों की पहचान संख्या है। यह उन्हें सभी सूचनाओं को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने और उन तक पहुंचने में मदद करता है। इसमें उनकी हेल्थ हिस्ट्री, परामर्श विवरण, मेडिकल रिकॉर्ड और नुस्खे शामिल हैं।