कनाडा, क्रोसिया और साइप्रस की यात्रा पर आज रवाना होंगे पीएम मोदी, G7 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

इजरायल-ईरान के बीच युद्ध की शुरुआत से वैश्विक अस्थिरता के गहराने की आशंकाओं के बीच पीएम नरेन्द्र मोदी रविवार को कनाडा, क्रोसिया और साइप्रस की यात्रा के लिए रवाना होंगे।

कनाडा के पीएम मार्क कार्नी से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी

कनाडा में पीएम मोदी दुनिया के सबसे अमीर सात लोकतांत्रिक देशों के संगठन जी-7 के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो और ब्रिटेन के पीएम कीयर स्टार्मर के साथ पीएम मोदी की कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी।

कार्नी ने पिछले हफ्ते फोन करके पीएम मोदी को इस सम्मलेन के लिए आमंत्रित किया था और इन दोनों के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता में द्विपक्षीय मुलाकात की सहमति बनी थी।

जी-7 देशों की शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

अक्टूबर, 2023 से भारत और कनाडा के आपसी रिश्ते काफी खराब हैं और माना जा रहा है कि मोदी और कार्नी की मुलाकात रिश्तों में सामान्य बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। भारत को जी-7 देशों की शिखर सम्मेलन में लगातार मेहमान देश के तौर पर आमंत्रित किया जा रहा है और इन से सभी बैठक भारतीय दल की अगुवाई प्रधानमंत्री के स्तर पर हुई है।

यह उल्लेखनीय तथ्य है कि इस समूह में शामिल कम से कम तीन देशों (इटली, कनाडा व फ्रांस) से बड़ी इकोनमी भारत की है। इस समूह के दो देशों (जापान व ब्रिटेन) के साथ भारत ने आर्थिक समझौता कर रखा है। अमेरिका व यूरोपीय संघ के साथ (जिसमें फ्रांस, इटली व जर्मनी सदस्य हैं) के साथ जल्द ही कारोबारी समझौता होने वाला है।

यूरोपीय संघ के दो छोटे छोटे देश क्रोसिया और साइप्रस की यात्रा भी करेंगे

इस साल की बैठक में वैश्विक शांति व स्थिरता के साथ ही ऊर्जा सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। माना जा रहा है कि कनाडा में जी-7 की बैठक में इजरायल-ईरान प्रकरण पर बयान जारी किया जाएगा।कनाडा के अलावा पीएम मोदी यूरोपीय संघ के दो छोटे छोटे देश क्रोसिया और साइप्रस की यात्रा भी करेंगे।

यूरोपीय संघ के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूती मिलेगी

इन दोनों देशों की यात्रा को यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को रणनीतिक आयाम देने की सरकार की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। भारत सरकार मानती है कि यूरोपीय संघ के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूती देने से ना सिर्फ वैश्विक व्यवस्था में हो रहे बदलाव के मुताबिक है बल्कि यह भारत के दीर्घकालिक आर्थिक हितों के भी मुताबिक है।

पीएम मोदी क्रोसिया जाने वाले देश के पहले पीएम होंगे

पीएम मोदी क्रोसिया जाने वाले देश के पहले पीएम होंगे। तकरीबन 23 वर्ष बाद वह साइप्रस की यात्रा पर जाने वाले पीएम होंगे। क्रोसिया की आबादी तकरबीन 39 लाख है जबकि साइप्रस की आबादी सिर्फ 14 लाख है। साइप्रस की उनकी यात्रा को तुर्की के साथ खराब होते संबंधों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

साइप्रस के एक हिस्से पर तुर्की का कई दशकों से कब्जा है

साइप्रस के एक हिस्से पर तुर्की का कई दशकों से कब्जा है। तुर्की और साइप्रस के बेहद खराब संबंध हैं। भारत हमेशा से साइप्रस के एकीकरण का समर्थक रहा है। अब जबकि तुर्की पाकिस्तान के समर्थन में खुल कर आ गया है तो देखना होगा कि साइप्रस की जमीन से पीएम मोदी साइप्रस की एकीकरण का ऐलान करते हैं या नहीं।

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