कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर योगी सरकार ने एक बार फिर लिया बड़ा फैसला…
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुरुवार को मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज और बरेली जिलों में रात कर्फ्यू की घोषणा की। राज्य में गुरुवार को 6,023 नए संक्रमित मरीज सामने आए थे। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों में एक दिन में 50 प्रतिशत कर्मी ही आएं।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से शुक्रवार को ट्वीट कर कहा गया है, ‘यह व्यवस्था बनाई जाए जिसके तहत जनपद लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी तथा कानपुर नगर के सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में एक दिन में 50 प्रतिशत कर्मी ही आएं। इस संबंध में रोस्टर बनाकर उसे लागू किया जाए। चिकित्सकों, पैरा मेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ तथा पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाए।’
यह व्यवस्था बनाई जाए जिसके तहत जनपद लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी तथा कानपुर नगर के सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में एक दिन में 50% कर्मी ही आएं। इस संबंध में रोस्टर बनाकर उसे लागू किया जाए: मुख्यमंत्री
यूपी के दस जिलों में लगा नाइट कर्फ्यू
यूपी के लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, मेरठ, बरेली, सहारनपुर, गाजियाबाद और नोएडा में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। सरकार ने 500 से अधिक एक्टिव केस वाले जिलों को रात का कर्फ्यू लगाने के लिए अधिकृत किया था। मुरादाबाद के जिलाधिकारी ने बैठक के बाद बताया कि जिले में अब रात 10 से सुबह 6 बजे तक रात्रि कर्फ्यू रहेगा। दिल्ली के पड़ोसी जिलों नोएडा और गाजियाबाद में 17 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू रहेगा।
आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही पर नहीं है प्रतिबंध
डीएम ने आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को नाइट कर्फ्यू के प्रतिबंध से बाहर रखा है। दवा, सब्जी, फल, दूध, रसोई गैस और समाचार पत्रों समेत सभी आवश्यक वस्तुओं का परिवहन पहले की तरह होता रहेगा। आवश्यक सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के आने-जाने पर प्रतिबंध नहीं रहेगा।
लोगों से की अपील
प्रशासन ने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया है। नोएडा औऱ गाजियाबाद में कोचिंग सेंटरों सहित सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों (मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों को छोड़कर) में 17 अप्रैल तक फिजिकल कक्षाएं लेने पर रोक लगा दी गई है।