कोरोना संक्रमण काल में भी उत्तर प्रदेश में गेहूं की रिकार्ड खरीद
सरकारी गेहूं खरीद में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना ही रिकार्ड तोड़ा है। सरकार ने चालू सीजन में 53.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2018-2019 में गेहूं की खरीद में यह अब तक का सर्वाधिक 52.92 लाख मीट्रिक टन है। इस खरीद से 12.16 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि जब तक किसान अपनी उपज बेचने नहीं आएंगे, तब तक राज्य सरकार गेहूं की खरीद जारी रखेगी। सरकार ने अब गेहूं की खरीद 22 जून तक जारी रखने का फैसला किया है।
आयुक्त खाद्य एवं आपूर्ति मनीष चौहान के मुताबिक इस साल रिकॉर्ड गेहूं खरीद के पीछे कई कारण हैं। उन्होंने बताया कि खरीद केंद्रों की बढ़ी हुई संख्या, उच्च एमएसपी, कोई निश्चित समय सीमा नहीं और खरीद में पारदर्शीता कुछ ऐसे कारक हैं जिन्होंने सर्वकालिक उच्च खरीद में योगदान दिया। सरकार ने 2020-21 में गेहूं के एमएसपी को 1,925 रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 1,975 रुपये कर दिया था। इसके अलावा खरीद केंद्रों की संख्या भी बीते वर्ष के 5,000 से बढ़ाकर इस वर्ष 6,000 कर दी गई है।
चौहान ने कहा कि महामारी की स्थिति के बावजूद हम हर दिन लगभग एक लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद रहे हैं। 14 जून को किसानों से लगभग 1.14 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई थी। पहली बार किसानों को एक राष्ट्र, एक एमएसपी, एक डीबीटी के तहत बिना किसी देरी और कटौती के अपनी गेहूं की फसल की बिक्री के खिलाफ प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। खरीद के 72 घंटे के भीतर भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में भेज रहे हैं। गेहूं खरीद में बिचौलियों को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने गेहूं की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ परचेज (ई-पीओपी) मशीनें शुरू की हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी रिकार्ड गेंहूं खरीद पर खुशी व्यक्त की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिकार्ड खरीद पर समाजवादी पार्टी को घेरा है। उन्होंने कहा कि क्रय केंद्र को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही है। उनके कार्यकाल में 2016 में सिर्फ सात लाख मीट्रिक टन खरीद हुई है। इस वर्ष 54 लाख मीट्रिक टन क्रय हुआ है। सिर्फ बलिया में ही 85 हजार मीट्रिक टन खरीद हुई है। पिछले वर्ष 48 हजार मीट्रिक टन की खरीद की गई थी।