क्या कृषि कानून पर नया बिल लेकर आएगी केन्द्र सरकार?

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के कृषि कानूनों के बयान पर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है. जिसके बाद कृषि मंत्री तोमर ने अपने बयान को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा अच्छे कानून लाए थे, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से रद्द करना पड़ा. भारत सरकार किसानों के फायदे के लिए काम करेगी. मैंने यह नहीं कहा कि हम फिर से कानून लाएंगे.’ केंद्रीय मंत्री तोमर ने आगे कहा, ‘मेरे शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके उसकी गलत दिशा विकसित की जा रही है. मैंने ये कहा कि कृषि सुधार कानून की दृष्टि से हम पीछे हटे हैं लेकिन किसान की भलाई के लिए भारत सरकार लगातार आगे बढ़ती रहेगी.’

दरअसल शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में तोमर ने कहा था, ‘हम कृषि सुधार बिल लेकर आए थे लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया. वह 70 सालों की आजादी के बाद एक बड़ा रिफॉर्म था जो नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था. लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं. आगे से बढ़ेंगे, क्योंकि हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान की बैकबोन है. अगर बैकबोन मजबूत होगी तो निश्चित रूप से देश मजबूत होगा.’

तोमर के बयान को आधार बनाकर कांग्रेस ने सरकार पर ‘‘पूंजीपतियों के दबाव’’ में दोबारा ‘‘काले कानूनों’’ का वापस लाने की ‘‘साजिश’’ रचने का आरोप लगाते हुए इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण की मांग की. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तोमर के बयान को पीएम मोदी की ‘‘माफी का अपमान’’ करार दिया और कहा कि सरकार ने इन विवादास्पद कानूनों पर यदि फिर से अपने कदम आगे बढ़ाए तो देश का किसान फिर सत्याग्रह करेगा. पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हराएंगे!

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