गरीब, वंचित और ग्रामीण परिवेश के बच्चों को संवार रहा सर्वाेदय विद्यालय

  • प्रदेश में खुले 9 नए सर्वाेदय विद्यालयों में नए सत्र 2025-26 से शुरू हो रही पढ़ाई
  • कक्षा 6 से 8 तक के 2000 बच्चों को मिलेगा निःशुल्क शिक्षा संग आवासीय शिक्षा का मौका
  • अगले वर्ष से कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाएं होंगी संचालित
  • स्मार्ट क्लास से लेकर नीट-जेईई कोचिंग तक की सुविधा
  • सर्वांगीण विकास के लिए नवीनतम तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध
  • 58 जिलों में संचालित थे 100 स्कूल, अब 62 जिलों में 109 विद्यालय संचालित होंगे
  • डबल इंजन की सरकार समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में सर्वाेदय विद्यालयों को आधुनिक लैब, मेस, कंप्यूटर/टैबलेट से सुसज्जित किया गया है।
    -असीम अरुण समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

लखनऊः15 जून 2025
गरीब, वंचित और ग्रामीण परिवेश के मेधावी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और निरूशुल्क आवासीय शिक्षा देने के संकल्प के तहत संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय विद्यालय आज प्रदेश में एक आर्दश मॉडल के रूप में स्थापित हो रहे हैं। इसे देखते हुए इस वर्ष से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 9 नए सर्वाेदय विद्यालय संचालित किए जाएंगे। इनमें मथुरा, बलिया, पीलिभीत, मनकापुर (गोंडा), सरवनखेड़ा (कानपुर देहात), अमरोहा, महाराजगंज, आंबेडकर नगर, मैनपुरी शामिल हैं। उप निदेशक श्री जे. राम ने बताया कि हर जिले में 5 एकड़ में बने इन विद्यालयों में सत्र 2025-26 में कक्षा 6 से 8 तक कुल 2000 बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। अगले वर्ष से कक्षा 12 तक इन विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू होगा। इस पहल से न सिर्फ छात्रों का भविष्य संवर रहा है बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व और सामाजिक समृद्धि का रास्ता भी खुल रहा है।

आवासीय सुविधा संग मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
मौजूदा समय में समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्गों के छात्र-छात्राओं को निरूशुल्क आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 58 जिलों में कुल 100 सर्वाेदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। 9 नए विद्यालयों के साथ अब 62 जनपदों में सर्वाेदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें से 45 विद्यालयों में आवासीय सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। अब इन 9 नए विद्यालयों के शुरू होने से यह संख्या 109 हो जाएगी। इन विद्यालयों में 85ः छात्र ग्रामीण व 15ः शहरी क्षेत्र से चयनित किये जाते हैं। इन विद्यालयों में 60ः अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, 25ः पिछड़ा वर्ग व 15ः सामान्य वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है।

ये मिलती हैं खास सुविधाएं
– आधुनिक सुविधाएंरू स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, 34 टैब के टैब लैब, ऑनलाइन शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इन्ट्रेक्ट पैनल/एड, एयरोमॉडलिंग व आर्टीफीशियल इन्टेलिजेन्ट (।प्) की कार्यशालाओं का आयोजन, ऑनलाइन लर्निंग मटेरियल
– आवासीय सुविधाः पूरी तरह सुरक्षित और अनुशासित व्यवस्था, खाने से लेकर यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी, दैनिक उपयोग की सामग्री, भोजन और नाश्ता की व्यवस्था
– कोचिंग सुविधारू नीट, जेईई और ब्न्म्ज् जैसी परीक्षाओं की मुफ्त तैयारी के लिए अभ्युदय कोचिंग केंद्र की स्थापना, कौशल विकास प्रशिक्षण
– अंग्रेजी पर जोररू शिक्षकों को भी अंग्रेजी में प्रशिक्षण, छात्रों के लिए बोलचाल की क्लास
– सीसीटीवी निगरानीरू हर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
– खेलकूदरू खेलकूद के क्षेत्र में छात्र/छात्राओं को ट्रेनिंग
– रोजगार रू स्कूल में छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है

बढ़ी लाभार्थियों की संख्या
पिछले कुछ वर्षों में सरकार की इस योजना के चलते लाभार्थी छात्रों की संख्या में साल दर साल बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2018-19 में जहां यह संख्या 32,429 थी, वहीं 2025-26 में करीब 37,000 छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।

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