गौरी लंकेश मर्डर केस: पुलिस ने दबोचा दोषी ऋषिकेश को, कमरे से मिला ये…

नई दिल्ली: Gauri Lankesh Murder Case पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या करने वाले दोषी ऋषिकेश देवडीकर उर्फ राजेश आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। गौरी लंकेश की हत्या की तफ्तीश कर रही SIT टीम ने फरार चल रहे 44 वर्षीय ऋषिकेश को अरेस्ट कर लिया है। आपको बता दें कि SIT ने ऋषिकेश को झारखंड के धनबाद जिले के कतरास से गिरफ्तार किया है।

बेंगलुरु पुलिस ने कतरास पुलिस के सहयोग से कतरास के भगत मोहल्ले में छापेमारी कर ऋषिकेश को पकड़ लिया। ऋषिकेश कुछ दिनों से यहां अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था और कतरास में प्रदीप खेमका के पेट्रोल पंप में केयरटेकर के रूप में काम कर रहा था। भगत मोहल्ला में वह पेट्रोल पंप के मालिक के ही घर में किराए पर रह रहा था।

बेंगलुरु पश्चिम के DCP एमएन अनुचेत ने बताया कि ऋषिकेश का नाम गौरी लंकेशहत्याकांड में अनुसंधान के दौरान आया था। उन्होंने कहा कि गौरी लंकेश की हत्या में कुल 18 लोगों के नाम अभी तक सामने आए हैं। जिसमें अमोल काले की अहम भूमिका में थी। ऋषिकेश भी हत्या की साजिश में शामिल रहा है। बेंगलुरु पुलिस शुक्रवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ लेकर जाएगी।

बताया गया है कि कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (कोका एक्ट) के अंदर भी कुछ लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बेंगलुरु पुलिस ने ऋषिकेश की गिरफ्तारी मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर की है। छापेमारी के टाइम पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली, जिसमें सनातन धर्म की कुछ पुस्तकों समेत कई सामान जब्त किए गए हैं। गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में कर दी गई थी।

पहचान छिपाकर अलग-अलग नाम से लोगों के बीच रहने में है माहिर

कर्नाटक की SIT टीम गुरुवार को कतरास पहुंची। पुलिस ने कतरास के भगत मोहल्ले में छापेमारी कर राजेश उर्फ ऋषिकेश देवडीकर नामक युवक को हिरासत में लिया। पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली। वहां सनातन धर्म की कई पुस्तक सहित सामान बरामद की। इधर, पुलिस उससे गहन तहकीकात कर रही है।

हत्या के अलावा अन्य चार मामलों में भी थी तलाश

केस की टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर पुनीत ने कहा के ऋषिकेश को पुलिस पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के अलावा भी चार मामले में तलाश रही थी। उसके खिलाफ सामाजिक संस्था से जुड़े चार लोगों की हत्या का मामला दर्ज है। हत्या में शामिल एक दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पिछले डेढ़ साल से इसकी खोज हो रही थी। इस बीच वह कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए झारखंड चला आया था।

महाराष्ट्र का रहने वाला है ऋषिकेश, छह माह से रह रहा था कतरास में

आरोपी ऋषिकेश महाराष्ट्र के औरंगाबाद का निवासी बताया जाता है। उसने अलग-अलग नाम से लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई थी, ताकि पकड़ में न आ सके।

बेरोजगारी व अपने को साधक बताकर ली नौकरी

कतरास के पेट्रोल पंप मालिक सह सनातन संस्था के प्रमुख प्रदीप खेमका ने बताया कि बेरोजगारी और अपने को साधक बताकर वह नौकरी मांगने आया था। वह पिछले 6-7 माह से खेमका पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था और भगत मोहल्ला स्थित पंप मालिक के मकान में किराएदार के तौर पर रह रहा था और कार्यकाल के दौरान उसने किसी प्रकार की बात नहीं बतायी, जिससे उसपर जरा भी संदेह हो। उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही।

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