छत्तीसगढ़ के जनकपुर क्षेत्र में पिछले 35 दिन में तेंदुए के हमले में तीसरी मौत की घटना ..
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के जनकपुर वनपरिक्षेत्र में रविवार की शाम तेंदुए ने एक युवक पर हमला कर उसे दबोच लिया और मार डाला। युवक को वह घसीटते हुए पास के जंगल में ले गया। लोगों का शोर सुनकर तेंदुआ भाग निकला। सूचना पर फॉरेस्ट और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंची। पिछले 35 दिन में तेंदुए के हमले में मौत की यह तीसरी घटना है। इसके पूर्व तेंदुए ने दो महिलाओं को मार डाला था।
युवक के गले में गड़ाया दांत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के जनकपुर वनपरिक्षेत्र अंतर्गत कुंवारी गांव के 26 वर्षीय रणदमन बैगा रविवार शाम को करीब पांच बजे घर के पीछे बाड़ी में अरहर की फसल देखने गया था। करीब आधे घंटे बाद वह लौट रहा था। इस दौरान बाड़ी में छिपे तेंदुए ने युवक पर हमला कर दिया। तेंदुए ने युवक के गले में दांत गड़ा दिया जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। तेंदुआ युवक को घसीटकर पास के जंगल में ले गया। हालांकि लोग जब जमा हुए और शोर मचाने लगे तो तेंदुआ भाग निकला।
जंगल में बरामद हुआ शव
ग्रामीणों को युवक का शव घर से कुछ दूर जंगल में मिला। सूचना पर फॉरेस्ट व वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम घटना स्थल पर देर शाम पहुंची। एसडीओ फॉरेस्ट जनकपुर उत्तम पैकरा ने बताया कि युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जनकपुर सीएचसी भेज दिया गया है। वनविभाग की टीम एवं वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंची हुई है।
पहले भी दो महिलाओं को मार चुका है तेंदुआ
वनांचल कुंवारपुर एवं जनकपुर वनपरिक्षेत्र में पिछले 35 दिनों में तेंदुए के हमले में यह तीसरे शख्स की मौत है। इससे पहले तेंदुआ दो महिलाओं को शिकार बना चुका है। यही नहीं तेंदुए ने एक 8 वर्षीय लड़के को भी घर से उठाकर ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन घर का आहाता ऊंचा होने के कारण तेंदुआ बालक को उठाकर नहीं ले जा सका था।
तेंदुए को पकड़ने लगाए गए हैं आधा दर्जन पिंजरे
आदमखोर हो चुके तेंदुए को पकड़ने के लिए कांकेर से पहुंचे वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की 4 सदस्यीय टीम 5 दिन से पंजों के निशान से खूंखार तेंदुए की पहचान करने की जुटी है। हालांकि, वन विभाग की टीम ने आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए जनकपुर एवं कुंवारपुर में आधा दर्जन पिंजड़े लगा रखा है। लेकिन तेंदुआ पिंजड़े में नहीं फंस रहा है। यह तेंदुआ वनविभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। पिंजरे में मुर्गियां एवं बकरे बांधे जा रहे हैं, लेकिन तेंदुआ नहीं फंस रहा है।