जम्मू-कश्मीर। भारत के सामने नरम पड़ा चीन

नई दिल्ली: भारत ने अपने संयम और शक्ति से चीन को ऐसा जवाब दिया है कि 24 घंटे के अंदर उसके तेवर बदल गए हैं। इसे चीन के तीन बयानों से समझ सकते हैं। मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी तेज करने के लिए कहा था।

वैसे तो चीन के राष्ट्रपति ने ये बयान खासतौर पर ताइवान और अमेरिका के लिए दिया था, लेकिन इस बयान को भारत के संदर्भ में भी देखा जा रहा था, क्योंकि चीन की सेना लद्दाख सीमा पर भारत को आक्रामक तेवर दिखा रही है। इसके बाद दूसरा बयान चीन के विदेश मंत्रालय का आया।

उसने कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात स्थिर हैं और काबू में हैं, दोनों देशों के पास बातचीत करके मुद्दों को हल करने के माध्यम मौजूद हैं। तीसरा बयान भारत में चीन के राजदूत का आया।

उन्होंने कहा कि दोनों देश कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं और इस वक्त रिश्तों को मजबूत करने की जरूरत है। चीन के राजदूत ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि अवसर हैं।

रिश्तों पर मतभेद हावी नहीं होने चाहिए और बातचीत से ही मतभेदों का समाधान निकालना चाहिए। अब इन बयानों से यही समझा जाना चाहिए कि चीन अब बातचीत की टेबल पर आना चाहता है।

पहले वो लद्दाख में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाकर भारत को धमकाना चाहता था, और भारत को सड़क बनाने से रोकना चाहता था, लेकिन भारत के सख्त रवैये से चीन को लग गया है कि उसके हथकंडे भारत के सामने नहीं चल पाएंगे।

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