जल्द ही नोएडा में एसएमएस व ओटीपी बेस्ड मोबाइल ऐप से दर्ज हो सकेंगी शिकायतें
- सीएम योगी के विजन अनुसार नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शुरू किया ऐप बेस्ड 'ग्रिवेंस
रीड्रेसल मैनेजमेंट सिस्टम' के निर्माण व क्रियान्व्यन पर काम - ऐंड्रॉयड-आईओएस इनेबल्ड यूजर फ्रेंडली इंटरफेस युक्त ऐप से वाद निस्तारण प्रक्रिया को आसान बनाने में मिलेगी मदद
- इस ऐप पर शिकायत दर्ज कराने के बाद एसएमएस के जरिए संबंधित अधिकारी का मोबाइल नंबर व विवरण
शिकायतकर्ता को हो सकेगा प्राप्त - ऐप में शिकायत को चरणबद्ध तरीके से मॉनिटर करने की भी होगी सुविधा, निर्धारित समयसीमा में समाधान
प्राप्त करने में मिलेगी मदद
नोएडा/लखनऊ, 4 दिसंबर। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तकनीकी आधुनिकता पर जोर
दे रही योगी सरकार ने अब नोएडा में एक विशिष्ट एसएमएस व ओटीपी बेस्ड मोबाइल ऐप को लागू करने की
तैयारी शुरू कर दी है। सीएम योगी के विजन अनुसार, नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ऐप
बेस्ड 'ग्रिवेंस रीड्रेसल मैनेजमेंट सिस्टम' के निर्माण व क्रियान्वयन की कार्रवाई तेज कर दी है। ऐंड्रॉयड व
आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम वाले इस ऐप के डेवलपमेंट की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएही तथा इसे यूजर
फ्रेंडली इंटरफेस से युक्त बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
इस ऐप की खासियत यह होगी कि इसमें शिकायतकर्ता वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिए लॉगिन कर सकेंगे तथा शिकायत दर्ज कराने के बाद एसएमएस के जरिए उन्हें वाद निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारी का मोबाइल नंबर, विवरण व अन्य संपर्क सूत्र प्रदान किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस ऐप के जरिए शिकायतकर्ता चरणबद्ध तरीके से शिकायत के निस्तारण की प्रगति की निगरानी भी कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि अभी तक नोएडा में ग्रिवेंस रीड्रेसल मैनेजमेंट प्रक्रिया को वेब पोर्टल व हेल्पलाइन के जरिए ही अंजाम दिया जाता रहा है, मगर ऐप के सुचारू होने के बाद इसे मॉनिटरिंग इनेबल्ड बनाने के साथ ही ज्यादा पारदर्शी, सरल और असरदार बनाने में मदद मिलेगी।
क्लाउड बेस्ड ऐप होगा कई खूबियों से लैस
नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिस यूजर फ्रेंडली इंटरफेस बेस्ड 'ग्रिवेंस रीड्रेसल मैनेजमेंट सिस्टम युक्त मोबाइल ऐप को लागू करने पर काम कर रहा है वह क्लाउड स्टोरेज इनेबल्ड ऐप होगा तथा कई खूबियों से लैस होगा। यह एमआईएस रिपोर्ट्स को भी केवल एक क्लिक में जेनरेट करने में सक्षम होगा। इसके अतिरिक्त, यह ऐप यूजर रजिस्ट्रेशन व प्रोफाइल मैनेजमेंट, ग्रिवेंस सब्मिशन, ऐस्केलेश मैट्रिक्स, वर्कफ्लो मैनेजमेंट, रिपोर्टिंग, यूजर फीडबैक मैकेनिज्म, प्राइवेसी सिक्योरिटी, कस्टमाइजेशन इनेबल्ड तथा मोबाइल एक्सेसिबिलिटी से युक्त होगा। यह ऐप नोएडा प्राधिकरण को डीटेल्ड रिपोर्ट्स का संचय व संकलन करने, केस
का प्रायोरिटी के आधार पर निर्धारण व निस्तारण करने तथा यूजर फीडबैक मैकेनिज्म से युक्त होने के साथ ही ट्रेनिंग व रिसोर्सेस के सपोर्ट की प्रक्रिया को भी एग्जिक्यूट करने में सक्षम होगा। उल्लेखनीय है कि इस ऐप के निर्माण के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपिनयों को बतौर एजेंसी आबद्ध किया जाएगा तथा कार्यावंटन के उपरांत व इस ऐप के विकास, क्रियान्वयन व संचालन में प्राधिकरण की मदद करेंगे।
प्राधिकरण का पारदर्शिता बढ़ाने पर फोकस
नोएडा प्राधिकरण ऐप बेस्ड एडवांस्ड ग्रीवेंस रीड्रेसल सिस्टम के जरिए नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के संबंध में पारदर्शिता को बढ़ाना चाहता है। यह प्रणाली संबंधित विभागों के अनुसार विभागीय पद के क्रम को प्रदर्शित करके और शिकायतों को वर्गीकृत करके पारदर्शिता को बढ़ावा देगी। शिकायत निस्तारण के लिए यह ऐप दो स्टेप्स में काम करेगा। स्टेप-1 पर यह अधिकारी द्वारा शिकायत की गई कार्रवाई को अंकित करेगा तथा स्टेप 2 में विभाग प्रमुख से कार्रवाई पर अनुमोदन प्राप्त करने के साथ ही उन्हें पूरी प्रक्रिया की प्रगति से अवगत कराएगा। स्टेप-2 में अधिकारियों के लिए एक प्रावधान उपलब्ध होगा कि वे या तो प्रस्तावित कार्रवाई को स्वीकार कर सकते हैं या असंतोषजनक पाए जाने पर इसे अस्वीकार कर सकते हैं। यदि शिकायत को खारिज किया जाता है, तो शिकायत की लेवल 1 अधिकारी द्वारा फिर से जांच की जाएगी, और परिवर्तन करने के बाद प्रस्ताव फिर से प्रस्तुत किया जाएगा। शिकायतों की स्थिति की निगरानी के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों को एक डैशबोर्ड प्रदान किया जाएगा। वहीं, शिकायतकर्ता को भी ऐप के माध्यम से उसके द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की प्रगति व निस्तारण को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।