जल संरक्षण के लिए जन भागीदारी की सोच जरूरी है: पीएम मोदी

पीएम मोदी गुरुवार को भोपाल में आयोजित हुई ‘वाटर विजन 2047’ सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। राज्यों के जल मंत्रियों के सम्मेलन में पीएम ने कहा कि जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता जनार्दन को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना होगा।

वॉटर विजन 2047 महत्वपूर्ण आयाम

मोदी ने आगे कहा कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है। जल संरक्षण में राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। ऐसे में वाटर विजन 2047 अगले 25 वर्षों के अमृत यात्रा का महत्वपूर्ण आयाम है।

पानी के लिए जन भागीदारी की सोच जरूरी

जल संरक्षण के लिए जन भागीदारी की सोच को जनता के मन में जगाना है। हम इस दिशा में जितना ज्यादा प्रयास करेंगे उतना ही अधिक प्रभाव पैदा होगा। जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस कार्य में विभिन्न स्टार्टअप भी सहयोग कर रहे हैं।

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स्वच्छ भारत अभियान का दिया उदाहरण

मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान से जब लोग जुड़े तब जनता में भी चेतना और जागरूकता आई। सरकार ने संसाधान जुटाए, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और शौचालय जैसे अनेक कार्य किए, लेकिन अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने सोचा कि गंदगी नहीं फैलानी है। जनता में यही सोच जल संरक्षण ​के लिए भी जगानी होगी।

इंडस्ट्री और खेती जैसे क्षेत्र चलाएं जल संरक्षण अभियान

पीएम ने कहा कि इंडस्ट्री और खेती दो ऐसे सेक्टर्स हैं, जिसमें पानी की आवश्यकता अधिक होती है। इन दोनों सेक्टर्स को मिल कर जल संरक्षण अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए। हमारे देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और जब शहरीकरण की रफ्तार ऐसी हो तो हमें पानी के विषय में पूरी गंभीरता से सोचना चाहिए।

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