डायबिटीज़ से बचना है तो दिन में 2-3 बार पिएं कॉफी
अगर आपको कॉफी पसंद है, तो आपके लिए एक ख़ुशखबरी है। एक रिसर्च में पाया गया है कि कॉफी पीने से डायबिटीज़ टाइप-2 के होने का ख़तरा कम हो जाता है। लेकिन यहां बात हो रही है फिल्टर्ड काफी की, उबली हुई कॉफी की नहीं।
जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिकल में प्रकाशित हुई इस रिसर्च में पाया गया कि कॉफी जिस तरह से बनाया जाता है, उसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है।
ये रिसर्च स्वीडन की शाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और उमिया यूनिवर्सिटी में की गई थी, जिसमें कॉफी और डायबिटीज़ के बीच के नए संबंध को उजागर किया गया। इसमें फिल्टर्ड कॉफी और उबली हुई कॉफी के प्रभावों के बीच के अंतर करने के लिए ख़ास विधि का उपयोग किया।
उमिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और रिसर्चर रिकर्ड लैंडबर्ग ने बताया, “हमने ‘बायोमार्कर’ नाम के ख़ास अणुओं की पहचान की है। ये उन लोगों के खून में मौजूद थे जिन्होंने अध्ययन में भाग लिया। इसमें इन लोगों द्वारा अलग-अलग तरह की कॉफी के सेवन के संकेत मिले। जब टाइप 2 डायबिटीज़ के जोखिम का विश्लेषण करते समय इन बायोमार्कर का उपयोग होता है।
हमारी रिसर्च के परिणाम से ये साफ है कि फिल्टर्ड कॉफी टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास के जोखिम को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकती है। वहीं उबली हुई कॉफी का ये असर नहीं होता है।
इन बायोमार्कर की मदद से, शोधकर्ता यह दिखाने में सक्षम थे कि दिन में एक कप से कम फिल्टर्ड कॉफी पीने वाले लोगों की तुलना जिन लोगों ने दिन में दो से तीन कप फिल्टर्ड कॉफी पी, उनमें टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास का 60 प्रतिशत कम जोखिम था।
अध्ययन में मधुमेह के जोखिम पर उबली हुई कॉफी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कई लोगों को यह गलतफहमी है कि कॉफी सिर्फ स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसकी वजह ये भी है कि पिछले अध्ययनों से पता चला है कि उबली हुई कॉफी दिल और संवहनी रोगों के खतरे को बढ़ाती है, क्योंकि इसमें डाइटपेन मौजूद होता है, जो उबली हुई कॉफी में पाया जाने वाला एक प्रकार का अणु है।