डॉक्टर बम ने यूपी के 17 मोबाइल नंबरों पर की थी बात, कानपुर समेत फैजाबाद और बनारस के भी नंबर
मुंबई सीरियल ब्लास्ट व अजमेर धमाकों में शामिल आतंकी डॉ. जलीस अंसारी के दो मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल में सामने आए 17 नंबरों के धारकों की तलाश की जा रही है। एसटीएफ के साथ एटीएस भी कानपुर, लखनऊ, फैजाबाद, बनारस समेत प्रदेश के कई शहरों में पता लगा रही है लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। मोबाइल कंपनियों से मिले पते के आधार पर चमनगंज व जाजमऊ में जांच की गई तो संबंधित नाम के शख्स नहीं मिले।
मुंबई से भागकर आया था कानपुर
26 दिन की पैरोल पर अजमेर जेल से छूटा डॉ. जलीस अंसारी उर्फ डॉक्टर बम 16 जनवरी को मुंबई से फरार हो गया था। पुष्पक एक्सप्रेस से कानपुर आया और अगले ही दिन रेलबाजार के फेथफुलगंज में वह एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया था। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि जलीस के मोबाइल फोन में दो सिमकार्ड इस्तेमाल हुए थे। उसकी यूपी के करीब 17 मोबाइल नंबरों पर बात हुई थी, इनमें तीन नंबर कानपुर के हैं। एसटीएफ व एटीएस टीम नंबरों के धारकों की तलाश में चमनगंज व जाजमऊ पहुंची लेकिन उस नाम के व्यक्ति नहीं मिले। माना जा रहा है कि सभी नंबर फर्जी आइडी पर लिए गए थे।
गूगल से मांगा गया ईमेल आइडी का ब्योरा
जलीस की जी-मेल पर फर्जी नाम से ई-मेल आइडी भी है। इस पर कई मैसेज आए और भेजे भी गए। लंबी पूछताछ के बाद भी जलीस ने ई-मेल आइडी का पासवर्ड खुफिया एजेंसियों को नहीं बताया है। अब एसटीएफ ने गूगल इंडिया से उस ई-मेल आइडी का ब्योरा मांगा है ताकि जलीस से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके।
जलीस को पकडऩे वाली टीम को डीजीपी का प्रशंसा चिह्न
मुंबई से भागकर कानपुर आए आतंकी डॉ. जलीस अंसारी को 24 घंटे में ही पकडऩे वाली स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) टीम को गणतंत्र दिवस पर डीजीपी की ओर से प्रशंसा चिह्न (रजत) प्रदान किया जाएगा। इस टीम ने यूपी ही नहीं बल्कि देश भर में प्रदेश पुलिस का मान बढ़ाया है। एसटीएफ के सीओ टीबी सिंह ने बताया कि टीम में प्रभारी उपनिरीक्षक घनश्याम यादव, सिपाही धर्मपाल, अब्दुल कादिर, राजकुमार और मोहर सिंह शामिल हैं। रविवार को लखनऊ में पूरी टीम को सम्मानित किया जाएगा।