डॉ. फरहत खान की कथित विवादित पुस्तक को लेकर गरमाया सियासी माहौल..

इंदौर के शासकीय नवीन लॉ कॉलेज के प्रो. डॉ. फरहत खान की कथित विवादित पुस्तक को लेकर सूबे का सियासी माहौल गरमा दिया है। मामले में लेखक, प्रकाशक और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इंदौर के SHO शशिकांत चौरसिया ने बताया कि कुछ छात्रों ने फरहत खान द्वारा लिखी गई किताब को लेकर शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि किताब में ऐसा कंटेट है जिससे साम्प्रदायिक गुटों में आपसी सौहार्द बिगड़ सकता है। मामले में धारा 153 ए, 295 ए, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। 

वहीं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर के शासकीय नवीन लॉ कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. फरहत खान की विवादित पुस्तक को लेकर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस मामले में इंदौर पुलिस कमिश्नर को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधिकारी को जांच में किसी के दोषी पाए जाने पर 24 घंटे में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।  

सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित करने के मामले को लेकर कहा कि जांच के आदेश के साथ 5 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस ने बताया कि किताब के लेखक, प्रकाशक के साथ प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad, ABVP) ने आरोप लगाया है कि पुस्तक (Collective Violence and Criminal Justice System) में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक सामग्री है। यह धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देती है। 

गवर्नमेंट न्यू लॉ कॉलेज (Government New Law College) के एक छात्र द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई। भवरकुआं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि ‘कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम’ नाम की पुस्तक के लेखक डॉ. फरहत खान, अमर लॉ पब्लिकेशन, संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. इनाम उर रहमान और प्रोफेसर मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन पर धारा 153-ए (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण कार्य करना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से धर्म का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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