निकाय से लेकर राज्य स्तर पर होगी मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना की निगरानी
- नगरीय स्थानीय निकायों के इंफ्रास्ट्रक्चर और इनकम में वृद्धि के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध
- स्टेट लेवल गवर्निंग बॉडी से लेकर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत तक गठित होंगी कमेटियां
- मॉनीटरिंग के साथ ही टेक्निकल एप्रेजल कमेटी करेगी प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन
- योजना के माध्यम से प्रदेश में शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में एकरूपता बनाने का होगा प्रयास
- वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में नगरीय निकायों का योगदान बढ़ाना है योजना का उद्देश्य
लखनऊ, 26 जुलाई। शहरी स्थानीय निकायों में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही उनकी इनकम में बढ़ोत्तरी के
उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना को लेकर योगी सरकार बहुत आशान्वित है। सरकार
इसके माध्यम से वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के अपने संकल्प में नगरीय निकायों को भी सहभागी बनाना
चाहती है। ऐसे में निकायों में जो भी प्रोजेक्ट शुरू होंगे या फिर जिनका प्रस्ताव आएगा, उसका मूल्यांकन और
मॉनीटरिंग निकाय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की जाएगी। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता के साथ ही प्रोजेक्ट को
समय पर पूरा किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में नगरों के सर्वागीण विकास और नगरीय
स्थानीय निकायों के रेवेन्यू कलेक्शन में वृद्धि को लेकर नगर विकास विभाग ने राज्य की समस्त नगरीय
स्थानीय निकायों में संचालित विभिन्न योजनाओं और अन्य मिशनों को ‘मिशन टू मूवमेंट’ के रूप में विस्तारित
कर मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना की शुरुआत की है।
शीर्ष स्तर पर नगर विकास मंत्री करेंगे मॉनीटरिंग
शीर्ष स्तर पर योजना की मॉनीटरिंग नगर विकास मंत्री के द्वारा की जाएगी। वो न सिर्फ योजना का
सुपरविजन करेंगे, बल्कि योजना के ओवरआल इंप्लीमेंटेशन पर सलाह भी देंगे। वहीं स्टेट लेवल गवर्निंग बॉडी
की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग के द्वारा की जाएगी। इसमें डायरेक्टर
लोकल बॉडी मेंबर सेक्रेट्री होंगे, जबकि हाउसिंग, हेल्थ, एनर्जी, बेसिक एजुकेशन, फाइनेंस, वुमेन एंड चाइल्ड
डेवलपमेंट, पीडब्ल्यूडी के सेक्रेट्री और सीएडडीएस के डायरेक्टर इस समिति के मेंबर होंगे। कुछ रिलेवेंट प्रोजेक्ट्स
में एनआईसी के डायरेक्टर भी मेंबर होंगे। वहीं, चेयरपर्सन के निर्देश पर स्पेशल इनवाइटी को भी शामिल किया
जाएगा। स्टेट प्रोग्राम मॉनीटरिंग यूनिट भी इसके तहत आएगी।
नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर भी होगी कमेटी
टेक्निकल एप्रेजल कमेटी डायरेक्टर लोकल बॉडी अध्यक्ष होंगे, जबकि चीफ इंजीनियर, एडी अकाउंट्स, डायरेक्टर
सीएंडडीएस और पीएमयू रिप्रजेंटेटिव्स इसके मेंबर होंगे। स्टेट प्रोग्राम मॉनीटरिंग यूनिट भी इसका हिस्सा होगी।
नगर निगम के लिए बनी कमेटी में मेयर अध्यक्ष होंगे, जबकि म्युनिसिपल कमिश्नर कमेटी के मेंबर सेक्रेट्री व
कनवीनर होंगे। डीएम, डेवलपमेंट अथॉरिटी के वीसी तथा डिवीजनल कमिश्नर द्वारा नामित पीडब्ल्यूडी के एसई
इसके मेंबर होंगे। 15वें फाइनेंस कमीशन के तहत सिविक बॉडी लेवल पर गठित कमेटी द्वारा प्रोजेक्ट्स को
अप्रूव किया जाएगा। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के लिए कमेटी में डीएम चेयरपर्सन होंगे, जबकि
संबंधित निकाय के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर, एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, अकाउंट ऑफिसर और डीएम द्वारा नामित
व्यक्ति इसके मेंबर होंगे।
बढ़ेगी जवाबदेही और पारदर्शिता
योजना के माध्यम से प्रदेश में शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में एकरूपता बनाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही वन
ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने में नगरीय स्थानीय निकायों का योगदान बढ़ाने की दिशा में कार्य
होगा। इसके साथ ही, नगरीय स्थानीय निकायों के राजस्व स्रोतों में वृद्धि, शहरी क्षेत्रों में लाइवेबिलिटी इंडेक्स में
बढ़ोतरी, मास्टर प्लान के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का एकीकरण जैसे आउटकम की संभावना है। यही नहीं, इसके जरिए
जवाबदेही और पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा। योजना में जियो टैगिंग एवं ड्रोन मैपिंग, सिटीजन पार्टिसिपेशन
एवं स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन, थर्ड पार्टी ऑडिट, डेडिकेटेड पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मॉनीटरिंग की भी
सुविधा रहेगी।