पड़ोसियों को नष्ट करने की सोच गलत है: दलाई लामा

भारत और चीन में बढ़ते तनाव के बीच तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने बुधवार को भारत की परंपरा और संस्कृति का जमकर बखान किया। गुरुग्राम में ‘दयालुता और धर्मनिरपेक्ष नैतिकता’ के विषय पर आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा कि भारत और चीन दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। हाल के दशकों में दोनों देशों के रिश्तों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। भारत एक शानदार लोकतंत्र है और सभी धर्मों का सम्मान करता है। भारत की परंपरा बहुत अच्छी है। इसलिए युवा भारतीयों को भारत की हजारों वर्षों की धर्मनिरपेक्ष परंपरा को बरकरार रखना चाहिए।

दलाई लामा ने परोक्ष रूप से चीन की हड़प नीति पर भी प्रहार किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा वक्त में मस्तिष्क का इस्तेमाल पड़ोसियों को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। हम इसे दुनिया में देख रहे हैं। अपने पड़ोसी को कैसे नष्ट करना है, यह सोच गलत है। आक्रामकता, अत्याचार, हिंसा, कितने लोग मारे जा चुके हैं, फिर भी परमाणु हथियार बनाने की इच्छा बरकरार है। पिछली कुछ शताब्दियों में दुनिया ने बहुत अधिक हिंसा देखी है। आज इंसान के दिमाग का इस्तेमाल हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा है। 

इसके साथ ही दलाई लामा ने बिना हथियारों के एक शांतिपूर्ण दुनिया बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शांति और हिंसा हम पर निर्भर है। हम सभी एक समान हैं। सभी को बिना किसी हिंसा के एक साथ रहना होगा। जब हम विश्व शांति के लिए प्रार्थना करते हैं, तो हमें यह भी स्मरण रखना होगा कि शांति आसमान से नहीं आएगी। अहिंसा भी आसमान से नहीं आती, यह हम सभी पर निर्भर है। यह सोच कि हमारे पास यह राष्ट्र है, वह राष्ट्र है, यह धर्म है, वह धर्म है, लड़ाई की वजह बनती है। मतभेदों को सुलझाया जाना चाहिए, यह ध्यान में रखते हुए कि सभी हमारे भाई-बहन हैं।

प्राचीन भारतीय आचार्यों को अपना प्रेरणा स्रोत बताते हुए दलाई लामा ने भारतीय परंपरा को ‘बेहद समृद्ध’ और ‘उपयोगी’ बताया। साथ ही युवा पीढ़ी से इसे संरक्षित करने की अपील की। भारतीय परंपरा अत्यंत समृद्ध है, विशेष रूप से मन के बारे में। आधुनिक भारत को प्राचीन भारतीय परंपरा पर अधिक ध्यान देना चाहिए। हमें अपने मन के ज्ञान की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। यह पूरी तरह से तर्क और सोच पर आधारित हैं। प्राचीन भारतीय गुरु मेरे प्रेरणा स्रोत हैं। मैं इसी परंपरा का छात्र हूं। हाल ही में दलाई लामा ने कहा था कि भारत एक आदर्श स्थान और मेरा घर है। 

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