प्रदेश के समस्त नगर निगमों में जन-जन ने किया ‘अमृत स्नान’
- कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर आस्था की डुबकी
- अमृत मिशन की अनूठी पहल लोगों को अमृत स्नान के साथ दिया स्वच्छता का सन्देश
- पवित्र नदियों, जलाशयों में स्नान के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब
लखनऊ, 27 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ के निर्देश पर कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली के पावन अवसर पर नगर विकास विभाग के
अंतर्गत अटल मिशन ऑफ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन व जल निगम के साझा सहयोग से ‘अमृत स्नान’
का भव्य आयोजन किया गया। नगर विकास मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में
पवित्र नदियों के घाटों पर जल को साफ़ व स्वच्छ बनाए रखने के साथ ही जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य
से ‘अमृत स्नान’ आयोजित किया गया।
चलाया गया सफाई अभियान
इस विशेष अवसर पर भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा हो या फिर घाटों का शहर वाराणसी, राम जन्मभूमि
अयोध्या हो या फिर बाबा गोरक्षनाथ की नगरी गोरखपुर, राजधानी लखनऊ हो या औद्योगिक नगरी कानपुर,
ताजनगरी आगरा हो या प्रयागराज, मेरठ, बरेली, अलीगढ़, शाहजहांपुर, झांसी, फिरोज़ाबाद, गाज़ियाबाद, मुरादाबाद
एवं सहारनपुर सभी नगरों में कार्यक्रम को अपने ही अंदाज़ में भव्य तरीके से मनाया गया। पवित्र जलाशयों को
पावन एवं स्वच्छ बनाए रखने का संदेश भी दिया गया। स्नान उपरांत श्रद्धालुओं को घाटों की स्वच्छता बनाए
रखने के प्रति भी जागरूक किया गया। गोरखपुर, मथुरा एवं मेरठ नगर निगम ने अनोखी पहल करते हुए स्नान
के पश्चात सफाई अभियान भी चलाया।
जल संरक्षण एवं जल संचयन के प्रति किया जागरूक
गाजियाबाद में अमृत स्नान को अलग ही अंदाज़ में आयोजित किया गया। यहां अमृत सरोवर की साफ-सफाई
कर सरोवर के ही किनारे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लोगों को जल संरक्षण एवं जल
संचयन के बारे में जागरूक किया गया। इस प्रकार सरोवर के किनारे ज्ञान रूपी अमृत स्नान किया गया।
जल के सदुपयोग के लिए किया जागरूक
देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश में आए श्रद्धालुओं के लिए यह अवसर श्रद्धा और भाव के साथ-साथ
जागरूकता का भी पर्याय बन गया। यहां लोगों को जल के सदुपयोग के बारे में भी बताया गया। अमृत मिशन
एवं जल निगम के साझा प्रयासों से ही यह कार्यक्रम आयोजित हो पाया, लेकिन इसे सफल बनाया आम
जनमानस ने। जिन्होंने पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात घाटों की सफाई भी उतनी ही तत्परता के साथ की।