ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरेगा भारत

सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करने की एक बार फिर भारत पूरी कोशिश करेगा।

ब्राजील के रियो डी जेनेरो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी होने वाले संयुक्त घोषणा पत्र में न सिर्फ पहलगाम हमले का जिक्र किए जाने की संभावना है, बल्कि ब्रिक्स देश किसी भी तरह के सीमा पार आतंकवाद की जमकर भ‌र्त्सना करेंगे।

इस घोषणा पत्र में सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के विरुद्ध कार्रवाई की बात भी हो सकती है। इस बात के संकेत विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक मामले) धाम्मु रवि ने यहां ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजील जा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में दिए।

रवि ने कहा, “ब्रिक्स देश पहलगाम हमले और आतंकवाद को लेकर काफी संवेदनशील रहे हैं। इस बारे में सदस्य देशों में कोई विचार भिन्नता नहीं है। हमें पूरी उम्मीद है कि संयुक्त घोषणा पत्र में आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट आवाज उठाई जाएगी। जब घोषणा पत्र जारी होगा तो आप देखेंगे कि इसकी भाषा काफी संतोषप्रद होगी।”

पहलगाम हमले के बाद भारत हुआ मुखर
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पोषित आतंकवाद को लेकर भारत काफी मुखर हो चुका है। पिछले हफ्ते शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में जारी होने वाले संयुक्त घोषणा पत्र में जब पहलगाम हमले का जिक्र नहीं हो रहा था, तब भारत ने उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।

लिहाजा संयुक्त घोषणा पत्र जारी ही नहीं हुआ।पहले भी ब्रिक्स घोषणा पत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर कई बार परोक्ष हमला किया गया है। वर्ष 2015 में जब भारत में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हुआ था, तब उसमें पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठनों का नाम शामिल किया गया था।

यह देखा गया है कि ब्रिक्स में आतंकवाद पर चीन का रुख अलग होता है, जबकि एससीओ में अलग। पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है, माना जाता है कि इसीलिए उसमें चीन उसके पक्ष में झुक जाता है। वर्ष 2024 के ब्रिक्स घोषणा पत्र में भी हर तरह के

आतंकवाद की ¨नदा करते हुए सदस्य देशों के बीच बेहतर सामंजस्य व सहयोग की बात की गई थी। हालांकि एक-दो बार ऐसा हुआ है कि आतंकवाद को लेकर ब्रिक्स घोषणा पत्र की भाषा भारत से ज्यादा रूस की चिंताओं को प्रकट करने वाली रही है।

कल पांच देशों की यात्रा पर रवाना होंगे पीएम
प्रधानमंत्री मोदी दो जुलाई को घाना, त्रिनिदाद व टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर रवाना होंगे। इसी दौरान वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उनकी यह यात्रा दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देशों के साथ रिश्तों को नए तरीके से गढ़ने में जुटे भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

इन देशों के नेताओं के साथ बातचीत में भी प्रधानमंत्री मोदी सीमा पार आतंकवाद के खतरे का मुद्दा उठाएंगे, कुछ देशों के साथ आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग बढ़ाने का समझौता भी होगा।

ब्राजील में होगा सबसे लंबा प्रवास
प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा ब्राजील में चार दिनों का प्रवास करेंगे। वहां पहले दो दिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और इसके बाद दो दिन वहां की द्विपक्षीय यात्रा करेंगे। ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राजकीय भोज भी देने वाले हैं।

ब्राजील उस क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है जिसके साथ भारत मिलकर यूएनएससी में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए कोशिश कर रहा है। दोनों नेता द्विपक्षीय कारोबार में आ रही गिरावट और रक्षा सहयोग पर भी चर्चा करेंगे।

बहुमूल्य धातुओं पर बढ़ेगा सहयोग
त्रिनिदाद व टोबैगो के अलावा दोनों अफ्रीकी देशों (घाना व नामीबिया) और दोनों लातिन अमेरिकी देशों (ब्राजील व अर्जेंटीना) के पास जिंक, लीथियम व तांबे के अलावा इलेक्टि्रक वाहनों की बैट्री बनाने में इस्तेमाल होने वाली दूसरी धातुओं का बड़ा भंडार है।

अधिकारियों का कहना है कि इन देशों के बहुमूल्य धातुओं के भंडार पर चीनी कंपनियों का वर्चस्व हो गया है, लेकिन अब वहां की सरकारें भारत एवं दूसरे देशों की कंपनियों को आकर्षित करने में जुटी हैं।

इन चारों देशों की सरकारों ने संकेत दिया है कि वे बहुमूल्य धातुओं के खनन व प्रसंस्करण में भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग को प्राथमिकता देंगी। रवि ने बताया, “दक्षिण अमेरिका में अर्जेंटीना, चिली और बोलिविया ऐसे देश हैं जिनके पास बहुमूल्य धातुओं का सबसे बड़ा भंडार है और ये सभी देश भारत के साथ इस क्षेत्र में सहयोग को तत्पर हैं। कुछ महीने पहले सरकारी कंपनी काबिल लिमिटेड ने अर्जेंटीना की सरकारी कंपनी के साथ लीथियम निकालने का समझौता किया है। अर्जेंटीना सरकार ऐसे चार और ब्लाकों में भारतीय कंपनियों के साथ काम करने को तैयार है।”

सर्वोच्च नागरिक सम्मान से होंगे सम्मानित
रवि ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी घाना, नामीबिया और त्रिनिदाद व टोबैगो में वहां के सांसदों को भी संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रमुख वैश्विक नेता हैं और कई देश उन्हें विशेष तौर पर सम्मानित करना चाहते हैं।

जानकारी मिली है कि ये देश अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी प्रधानमंत्री को सम्मानित करेंगे। यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग को लेकर भी सहमति बनने की संभावना है। घाना और नामीबिया के साथ यूपीआइ के इस्तेमाल पर भी समझौता होने जा रहा है।

घाना में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 30 वर्षों बाद, नामीबिया में 27 वर्षों बाद, त्रिनिदाद में 26 वर्षों बाद और अर्जेंटीना में 57 वर्षों बाद की जाने वाली द्विपक्षीय यात्रा होगी। ब्राजील की भारतीय प्रधानमंत्री की यह चौथी यात्रा होगी।

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