माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में प्रदेश सरकार ने किया है विशेष सुधार
शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व और मानव में अच्छा संस्कार एवं मानवता का बोध कराती है। शिक्षा से व्यक्ति में ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता, कौशल विकास, व्यापार, व्यवसाय एवं मानसिक, नैतिक, भौतिक, आध्यात्मिक सौन्दर्य उत्कर्ष का ज्ञान होता है। शिक्षा से समाज एवं देश के आधारभूत नियमों, सामाजिक व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों का ज्ञान होता है। शिक्षा मनुष्य के शरीर, मन, आत्मा का सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास करती है तथा अन्तर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
विद्यार्थियों की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने, उन्हें विद्यालयों में आकर पढ़ने और वास्तविक छात्र-छात्रा द्वारा ही बोर्ड की परीक्षा दी जाय, सरकार ने इस पर बल देते हुए कक्षा 9 और कक्षा 11 में पंजीकरण की व्यवस्था की है। इसके साथ-साथ छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरणों के साथ ही उनके आधार नम्बर को भी ऑनलाइन अपलोड कराया है। प्रदेश सरकार की इस व्यवस्था से छात्र-छात्रा के फर्जी/बोगस पंजीकरण का गलत उपयोग बन्द हो गया और इस पर प्रभावी अंकुश लगा है।
परीक्षा केन्द्रों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण को ऑनलाइन कर दिया। इससे नकल कराने वाले केन्द्रों पर प्रभावी अंकुश लगा। नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए केन्द्र निर्धारण के समय पूर्ण विवरण भरना होता है, इससे व्यवस्थाविहीन और अधोमानक के विद्यालय परीक्षा केन्द्र नहीं बन सके। मैनुअल तरीके से जहां 11414 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे, वहीं ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण में वर्ष 2020 में 7784 केन्द्र ही रह गये। कम परीक्षा केन्द्र होने से प्रदेश सरकार की राजस्व की भी बचत हुई और सुव्यवस्थित ढंग से परीक्षा की समय सारिणी बनाते हुए नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराई गई।