मिड डे मील की तर्ज पर उपलब्ध कराया जाएगा हॉट कुक्ड फूड

  • हॉट कुक्ड फूड के लिए मिड डे मील के मेन्यू को ही मिल सकती है मंजूरी
  • को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में पीएम पोषण के अन्तर्गत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय की रसोई में                            तैयार होगा हॉट कुक्ड फूड

लखनऊ, 2 नवंबर। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 03-06 वर्ष के बच्चों के लिए गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने की
दिशा में काम कर रही योगी सरकार योजना के सुचारू संचालन के लिए मिड डे मील योजना की तर्ज पर एक
समान मेन्यू रखने का निर्णय ले सकती है। प्रस्ताव के अनुसार सप्ताह में बच्चों को वही भोजन परोसा जाएगा
जो मिड डे मील में बेसिक विद्यालयों में बच्चों को परोसा जाता है। ये प्रस्ताव हाल ही में मुख्य सचिव दुर्गा
शंकर मिश्र की अध्यक्षता में हॉट कुक्ड मील योजना संबंधी राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में रखा गया।
टास्क फोर्स द्वारा इस पर निर्णय लिया जाएगा, जिसे सीएम का अनुमोदन मिल सकता है।

ये हो सकता है मेन्यू

प्रस्ताव में कहा गया है की प्रदेश में लगभग 65 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों
के परिसर में (को लोकेटेड) स्थित हैं। ऐसे में इन्ही विद्यालयों की रसोई में ही भोजन पकाया जाना है। इसलिए
पीएम पोषण योजना (मिड डे मील) के समरूप ही मेन्यू रखे जाने का प्रस्ताव है। मेन्यू में सोमवार को
रोटी, सोयाबीन की बड़ी युक्त मौसमी सब्जी एवं ताजा मौसमी फल होंगे। मंगलवार को चावल सब्जी युक्त दाल,
बुधवार को मौसमी सब्जी एवं सोयाबीन की बड़ी युक्त तहरी, गुरुवार को रोटी एवं सब्जी युक्त दाल, शुक्रवार को
मौसमी सब्जी एवं सोयाबीन की बड़ी युक्त तहरी और शनिवार को चावल एवं सब्जी युक्त दाल परोसी जाएगी।
हॉट कुक्ड फूड में मिलेट्स को प्राथमिकता दी जाएगी।

आंगनवाड़ी सहायिका परोसेगी भोजन

इस बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में पीएम पोषण के अन्तर्गत
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के निकट स्थित किचन में रसोईये द्वारा हॉट कुक्ड फूड तैयार कर बच्चों
को उपलब्ध कराया जाए। 200 मीटर की परिधि में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों को समीपस्थ प्राथमिक विद्यालय
से सम्बद्ध किया जाए। तैयार कुक्ड मील को आंगनबाड़ी केन्द्र तक पहुंचाने व बच्चों को वितरित व परोसने
का दायित्व आंगनवाड़ी सहायिकाओं को दिया जाए। 200 मीटर की परिधि में 2 विद्यालय होने पर नजदीक
स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाए।

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