मेरठ और मुजफ्फरनगर में मृतकों के परिजन से मिलीं प्रियंका

कांग्रेस का प्रदर्शनों से कोई लेना.देना नहीं : सपा

मुजफ्फरनगर/लखनऊ, प्रियंका गांधी ने शनिवार को मेरठ और मुजफ्फरनगर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में हिंसा का शिकार हुए लोगों और उनके परिजन से मुलाकात की। प्रियंका सबसे पहले मुजफ्फरनगर में हिंसक प्रदर्शन में मारे गए नूर मोहम्मद के घर गईं।

उन्होंने पीड़ितों को मदद का भरोसा दिया और कहा कि कांग्रेस पुलिस की अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ लड़ई जारी रखेगी। इसके बाद मेरठ के परतापुर में पीड़ितों से मिलीं। उधर, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) में सीएए के विरोध का श्रेय लेने की होड़ लगी है। सपा का कहना है कि कांग्रेस का प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं था। प्रदेश में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई सिर्फ सपा कार्यकर्ताओं ने लड़ी।

सपा नेता राम गोबिंद चौधरी ने कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शनों से कोई लेना-देना था ही नहीं तो उसके नेता क्यों गिरफ्तार लोगों और उनके परिजन से मुलाकात कर मदद की पेशकश कर रहे हैं? लोकतंत्र बचाने के लिए सपा ही सड़कों पर उतरती थी। कांग्रेस तो सुविधाभोगी पार्टी रही है।

उन्होंने वादा किया- अगर 2022 में उनकी पार्टी सत्ता में आई तो प्रदर्शनों में गिरफ्तार लोगों को लोकतंत्र सेनानी की तरह संविधान रक्षक के तहत पेंशन दी जाएगी। सपा ने ही उत्तर प्रदेश में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन देने की शुरुआत की थी।

इस पर भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा- कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों को एक पार्टी पेंशन देने की बात कह रही है तो दूसरी पार्टी कानूनी सहायता देने की। इनका असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है। कांग्रेस और सपा वोट के लिए देश को बांटना चाहती हैं।

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