राज्यपाल की अध्यक्षता में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ का 20वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न

  • कुलाधिपति द्वारा 1,152 उपाधियों एवं 47 पदकों का किया गया वितरण
  • भारतीय संस्कृति विश्व कल्याण एवं वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति
  • स्वस्थ नागरिकों से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है
  • चिकित्सक रोगियों के स्वास्थ्य एवं प्राण रक्षक की भूमिका निभाते हैं
  • चिकित्सा सेवा की सार्थकता तब है जब उनमें मानवीय संवेदना शामिल हो -राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल
लखनऊ : 17 अगस्त, 2024

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व राज्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ का 20वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल जी ने चिकित्सा विश्वविद्यालय में कुल 1152 उपाधियों एवं 15 मेधावियों को 47 पदकों का वितरण किया, जिसमें 36 स्वर्ण पदक, 07 रजत एवं 02 कांस्य पदक शामिल हैं। कुलाधिपति द्वारा सभी 1,152 उपाधियों को बटन दबाकर डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया। एम0बी0बी0एस0 की छात्रा देवांशी कटियार को चांसलर गोल्ड मेडल तथा के0जी0एम0यू0 का सबसे प्रतिष्ठित हीवेट गोल्ड मेडल सहित 15 मेडल से नवाजा गया। उन्होंने छात्राओं द्वारा छात्रों से अधिक मेडल प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह नारी सशक्तिकरण एक उत्तम उदाहरण है। समारोह में डॉ0 राजीव बहल एवं न्यूरोलॉजिस्ट प्रो0 आशुतोष तिवारी को डी0एस0सी0 की मानद उपाधि से कुलाधिपति महोदया ने सम्मानित किया तथा प्रो0 मानचंद्र को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड एवं विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षकों को भी प्रशंसा पुरस्कार प्रदान किया गया।

राज्यपाल जी ने उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वे सभी पीढ़ी के लिए एक आदर्श बनने के साथ ही नव भारत के निर्माण की आधारशिला हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को विश्व कल्याण एवं वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति बताते हुए कहा कि स्वस्थ नागरिकों से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है।

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि चिकित्सक रोगियों के स्वास्थ्य एवं प्राण रक्षक की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से रोगियों का पूरी संवेदना और करूणा भाव से उपचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को अपना आदर्श व मार्गदर्शक बनाएं तथा अपने कार्यों से चिकित्सा के पेशे को गौरवान्वित करें। चिकित्सकों को उन्होंने रोगियों के मददगार के साथ-साथ उनका मित्र भी बताते हुए कहा कि चिकित्सा सेवा की सार्थकता तब है जब उनमें मानवीय संवेदना शामिल हो।

कुलाधिपति जी ने युवा चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेडिकल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में शामिल है। मेडिकल शिक्षा और पेशेवर नैतिकता के उच्च मानकों को बनाये रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास से चिकित्सा क्षेत्र में भी तकनीकी प्रयोगों से वृहद परिवर्तन की संभावना है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रोबोटिक सर्जरी तथा अत्याधुनिक तकनीकों से स्वास्थ्य क्षेत्र को नयी दिशा प्राप्त होगी।

दीक्षांत समारोह में आमंत्रित बच्चों के बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके भविष्य के लक्ष्य निर्धारित करने में सहायक हो सकता है। उन्होंने बच्चों से खुली आंखों से सपने देखने तथा उसे पूरा करने के लिए मेहनत और लगन से जुट जाने का आह्वान किया।

उप मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ता चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि मरीजों को भगवान एवं माता-पिता तुल्य समझकर उनकी सेवा करें। उन्होंने कहा कि मानव मात्र के कल्याण के लिए तथा समाज के अन्तिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करें।

इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग एवं महानिदेशक भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, भारत सरकार डॉ0 राजीव बहल ने युवा चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चिकित्सक को सत्यनिष्ठा एवं मानवता के सेवा भाव को मन में रखकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने में योगदान दें, अपने जुनून की दिशा में आगे बढ़े एवं जोखिम लेना सीखें।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय एवं जूनियर हाई स्कूल, लखनऊ के बच्चों को उपहार स्वरूप स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री प्रदान की तथा राजभवन की ओर से विद्यालय की शिक्षिकाओं को पुस्तकालय हेतु प्रेरणादायी पुस्तकों का वितरण किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल जी द्वारा के0जी0एम0यू0 द्वारा गोद लिये गये 05 गांव के बच्चों में आयोजित विविध प्रतियोगिताओं में चयनित प्रतिभागियां को भी पुरस्कृत किया गया।

विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ0 सोनिया नित्यानंद द्वारा कुलाधिपति के समक्ष वार्षिक प्रतिवेदन आख्या प्रस्तुत की गयी।
समारोह में मेडिसिन माउंट सैनी हॉस्पिटल के एम0डी0 एवं न्यूरोलॉजिस्ट प्रो0 आशुतोष तिवारी, विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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