राज्यपाल ने ‘योग संस्थानों के लिए नियमावली और उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों की राज्यवार विश्लेषण’ का विमोचन किया

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज बैंगलुरू, कर्नाटक में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा आयोजित समारोह में ‘योग संस्थानों के लिए नियमावली और उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों की राज्यवार विश्लेषण’ रिपोर्ट (हिन्दी) का विमोचन किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि योग विज्ञान पर आधारित सूक्ष्म आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वस्थ जीवन जीने की कला और विज्ञान है। उन्होंने कहा कि योग शास्त्रों के अनुसार योग का अभ्यास व्यक्तिगत चेतना के साथ सार्वभौमिक चेतना के मिलन की ओर ले जाता है, जो मन और शरीर तथा मनुष्य और प्रकृति के बीच पूर्ण सामंजस्य का संकेत देता है।
राज्यपाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने देश की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता का आंकलन करने तथा उसे बनाये रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उच्च शिक्षा में एक निश्चित राज्य की गुणवत्ता परिदृश्य को परिभाषित करने की यह अवधारणा पीयर टीम रिपोर्ट के करीबी विश्लेषण के आधार पर उस विशेष राज्य में उच्च शिक्षा के लिए गुणवत्ता विस्तृत रूप में पहुचानें के लिए अपने आप में एक बहुत ही नवीन एवं उत्तम विचार है।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आधुनिक समाज की मांग है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आशय ऐसी शिक्षा का समावेश करना है, जिससे छात्रों एवं शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति भली-भांति हो सके। पाठ्यक्रम शिक्षा में गुणवत्ता लाने का प्रमुख साधन है। इसलिए यह आवश्यक है कि पाठ्यक्रम का निर्माण छात्रों के स्तर एवं समाज की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के सभी हितधारकों, विशेष रूप से उच्च शिक्षा के बीच गुणवत्ता जागरूकता लाने में नैक की भूमिका सराहनीय है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यान परिषद के निदेशक प्रो0 एस0सी0 शर्मा, नैक के अधिकारीगण एवं विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
राम मनोहर त्रिपाठी/राजभवन (160/14)