राष्ट्रनायकों के प्रति सम्मान का बोध कराने का पर्व है काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्षः मुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री ने काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव और ‘हर घर तिरंगा’ से जुड़े कार्यक्रमों की समीक्षा की
- 13 से 15 अगस्त तक हर घर फहराया जाएगा तिरंगा
- मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश- धूमधाम से मनाया जाए काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी महोत्सव
- स्कूली बच्चों, युवाओं को राष्ट्रनायकों के जीवन आदर्शों से कराया जाए परिचितः मुख्यमंत्री
- सीएम का निर्देश- शहीदों के परिजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित
किया जाए - शहीद स्मारकों/स्थलों पर बजाए जाएं राष्ट्रभक्ति से जुड़े गीत व धुनः सीएम
- देश के राष्ट्रनायकों की जीवनी से अवगत हों युवा, 1857 से 1947 के मध्य स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं,
स्थलों व आजादी के ज्ञात-अज्ञात नायकों के संबंध में तैयार कराई जाए बुकलेटः सीएम - काकोरी ट्रेन एक्शन व हर घर तिरंगा अभियान के संबंध में साप्ताहिक कार्यक्रमों की बनाई जाए व्यवस्थित
रूपरेखा, कराया जाए व्यापक प्रचार-प्रसारः सीएम
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लखनऊ, 3 अगस्तः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय
बैठक में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव एवं हर घर तिरंगा कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। इस
दौरान अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं में काकोरी ट्रेन एक्शन
अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव को पूरे राज्य में विभिन्न
गतिविधियों के साथ वर्षपर्यंत धूमधाम से मनाएगी। इस वर्ष 13 से 15 अगस्त 2024 के मध्य प्रदेशव्यापी 'हर
घर तिरंगा' अभियान आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा
कि काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव की शुरुआत आगामी 9 अगस्त से होगी। इस अवसर पर प्रदेश के
शहीद स्मारकों, स्मृति स्थलों, अमृत सरोवरों के तट पर वृहद रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। समारोह में
शहीदों के परिजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जाए। इन
कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों, किशोरों, युवाओं का सहयोग व सहभागिता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन, 1857 से 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं, स्थलों व आजादी
के ज्ञात-अज्ञात नायकों के संबंध में बुकलेट तैयार कराई जाए तथा प्रभातफेरी, सामान्य ज्ञान, चित्रकला, सुलेख-
निबंध, वाद-विवाद, भाषण आदि प्रतियोगिताएं कराई जाएं। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को जनपद व
राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाए। विजेता बच्चों को काकोरी स्मारक स्थल का भ्रमण भी कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि इन कार्यक्रमों से केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, जनप्रतिनिधियों को भी
जोड़ें। पर्यटन व संस्कृति विभाग इस आयोजन का नोडल विभाग है। विभाग अन्य विभागों के साथ समन्वय
स्थापित कर आयोजनों की तैयारी सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों को
काकोरी ट्रेन एक्शन व हर घर तिरंगा से जुड़े कार्यक्रमों को लेकर निर्देशित करें। साथ ही संबंधित विभागों के
अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/विभागाध्यक्ष भी अपने स्तर से विभागीय अधिकारियों को इन कार्यक्रमों के बारे
में दिशा-निर्देश दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पैरामिलिट्री, मिलिट्री, एनसीसी व स्कूलों के बैंड का प्रशिक्षण कराते
हुए 9 से 15 अगस्त प्रदेश के शहीद स्थलों, स्मारकों इत्यादि पर राष्ट्रधुन व राष्ट्रभक्ति के गीत बजाए जाएं।
युवक व महिला मंगल दल, स्काउट गाइड, एनसीसी, एनएसएस के स्वयंसेवकों को भी काकोरी ट्रेन एक्शन
शताब्दी महोत्सव व हर घर तिरंगा कार्यक्रमों से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभिन्न नागरिक संगठनों, सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं
व जनसहभागिता के माध्यम से रक्तदान शिविर आदि का भी आयोजन किया जाए तथा जनसहयोग से
अस्पतालों में फल वितरण भी किया जाए। काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का एक 'लोगो' बनाएं। इसका
वर्ष भर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगर विकास व पंचायतीराज विभाग द्वारा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े समस्त स्थलों की
साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मंडियों में भी साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था हो और
राष्ट्रभक्ति से जुड़े गीत/धुन बजाई जाए। लखनऊ व शाहजहांपुर में शहीद मेले का आयोजन किया जाए। इन
मेलों में लगी प्रदर्शनियों में स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए। राष्ट्रभक्ति से जुड़े कवि सम्मेलन
आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि प्रदेश के समस्त शहीद स्मारकों, अमृत सरोवरों व
अमृत वाटिकाओं पर 'एक पेड़ मां के नाम' कार्यक्रम आयोजित कर शहीद स्मृति उपवन की स्थापना की जाए।
इसमें लगभग 100 पौधे रोपित किए जाएं।