लखवी को 5 साल की सजा
नई दिल्ली, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर.ए.तैयबा के कमांडर जकी.उर.रहमान लखवी को पाकिस्तान की एक अदालत द्वारा अलग.अलग तीन मामलों में कुल 15 साल की सजा मिलने को विदेश मंत्रालय ने हास्यास्पद बताया और कहा कि इसके जरिए वह सिर्फ वैश्विक संस्थाओं को आतंकवाद के खिलाफ अपनी गंभीरता दिखाने की कोशिश करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहाए ष्लखवी की गिरफ्तारी की टाइमिंग इस ओर इशारा करती है कि पाकिस्तान फरवरी में एशिया प्रशांत संयुक्त समुह ;एपीजेजीद्ध और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स ;एफएटीएफद्ध की होने वाली बैठक से ठीक पहले उनके सामने अपनी छवि को साफ करने की कोशिश कर रहा है। यह पाकिस्तान के रूटीन में शामिल है कि इस तरह की अहम बैठक से पहले वह दिखावटी कार्रवाई करे।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी लखवी ;61द्ध को पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग ;सीटीडीद्ध ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। मुंबई हमला मामले में 2015 से वह जमानत पर था। सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई को बतायाए श्श्लाहौर की आतंक रोधी अदालत एटीसीद् ने सीटीडी द्वारा दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में लखवी को आतंक रोधी कानून 1997 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए 15 साल जेल की सजा सुनाई।
न्यायाधीश एजाज अहमद बतर ने लखवी को तीन अपराधों के लिए कुल 15 साल सश्रम कारावास और तीन लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं चुकाने पर उसे प्रत्येक अपराध के लिए छह.छह महीने की और सजा काटनी होगी। सजा काटने के लिए उसे जेल भेज दिया गया है। तीनों अपराधों में लखवी को मिली पांच.पांच साल की सजा साथ ही चलेगी। इसका मतलब यह है कि उसे पांच साल ही सलाखों के पीछे रहना होगा।
लश्कर.ए.तैयबा कमांडर पर डिस्पेंसरी के नाम पर आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए रकम जुटाने का आरोप लगा था। सीटीडी ने कहाए श्श्लखवी तथा अन्य आरोपियों ने अपनी डिस्पेंसरी से धन जुटाया और उसका इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया। उसने निजी खर्च के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल किया।
लखवी को शुक्रवार को लाहौर एटीसी के सामने पेश किया गया और उसी दिन उसे आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया। कुछ समय पहले उसके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था। अदालत को बताया कि पंजाब के ओकरा जिले में रेनाल खुर्द का निवासी लखवी इस मामले में गिरफ्तारी के पहले इस्लामाबाद में रह रहा था।
लश्कर.ए.तैयबा और अलकायदा के साथ जुड़ाव तथा दोनों आतंकी संगठनों के साथ मिलकर वित्तपोषणए साजिश रचनेए आतंकी कृत्य के लिए लखवी को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। घोषित आतंकवादियों और संगठनों की संपत्तियां जब्त कर ली जाती है।
वहीं सभी राज्यों को ऐसे व्यक्ति और संगठन की संपत्ति जब्त करनेए आर्थिक संसाधन पर रोक लगाने की कार्रवाई करनी होती है और यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जाता है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध कमेटी ने लखवी को उसके निजी खर्च के लिए हर महीने 1ण्5 लाख पाकिस्तानी रुपए भुगतान करने की इजाजत दी थी।
वर्ष 2008 में मुंबई हमले के लिए जमात उद दावा जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व वाला लश्कर.ए.तैयबा जिम्मेदार था। हमले में छह अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी। आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल एफएटीएफ ने भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है।
पेरिस मुख्यालय वाले एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को श्ग्रे लिस्टश् में डाल दिया था और 2019 के अंत तक धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा था। हालांकि कोविड.19 महामारी के कारण समय सीमा आगे बढ़ा दी गई थी। एटीसी लाहौर ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में सईद को कुल मिलाकर 36 साल की सजा सुनाई थी। जुलाई 2019 से वह लाहौर की कोट लखपत जेल में हैं।