शशि थरूर के जिन्ना वाले बयान पर BJP का पलटवार, GVL बोले- यह सवाल राहुल जिन्ना से करें

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि अगर सीएए का रास्ता एनआरसी और एनपीआर की तरफ जाता है तो यह मोहम्मद अली जिन्ना की पूरी तरह से जीत होगी। उनके इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पटलवार किया है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि शशि थरूर यह कह रहे हैं कि देश में जिन्ना की विचारधारा फिर पनप रही है तो उन्हें यह सवाल अपने नेता राहुल जिन्ना (राहुल गांधी) से करनी चाहिए। राहुल गांधी और उनके परिवार ने देश में बंटवारे की राजनीति की है जो कभी जिन्ना किया करते थे।

थरूर बोले- जिन्ना के विचार पहले ही जीत रहे हैं
जयपुर लिटरेटर पेस्टिवल के दौरान शशि थरूर ने कहा कि सीएए की वजह से देश की अवधारणा को लेकर जिन्ना के विचार भारत में पहले ही जीत रहे हैं, लेकिन अब भी विकल्प उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि जिन्ना जीत चुके हैं, बल्कि यह कहूंगा कि जिन्ना जीत रहे हैं। अब भी देश के पास जिन्ना और गांधी के देश के विचार में से किसी एक को चुनने का विकल्प है।’

तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि सीएए में किसी भी धर्म को राष्ट्रीयता का आधार बनाने का जिन्ना का तर्क अपनाया गया है, वहीं गांधी का विचार यह था कि सभी धर्म बराबर हैं। उन्होंने कहा, ‘सीएए पर आप कह सकते हैं कि एक कदम जिन्ना की ओर ले जाएगा। लेकिन अगला कदम अगर एनपीआर और एनआरसी होगा तो आप यह मान लें कि पूरी तरह जिन्ना की जीत हो गई।’

पहले कभी नहीं पूछा गया कि आपके माता-पिता का जन्म कहां हुआ: थरूर
थरूर ने कहा, ‘पहले कभी यह नहीं पूछा गया कि आपके माता-पिता का जन्म कहां हुआ था। आंकड़े जमा करने वाले कर्मचारियों को कभी संदिग्ध नागरिकता वाले सवाल करने की अनुमति नहीं थी। संदिग्ध नागरिकता शब्दावली का इस्तेमाल एनपीआर में है और यह पूरी तरह से भाजपा की खोज है।’

आगे उन्होंने कहा कि अगर देश में उस कर्मचारी की तरह घूमें जो सभी नागरिकों का साक्षात्कार करता है या संदिग्ध नागरिकता वाले लोगों की पहचान करता है तो इसके लिए आश्वस्त रहना चाहिए कि कौन से भारतीय संदिग्ध नागरिकता के दायरे में आने जा रहे हैं।

थरूर का कहना था कि सैद्धांतिक तौर पर सिर्फ एक ही समुदाय होगा जो सीएए में नहीं है और अगर ऐसा होता है तो यह वास्तव में जिन्ना की जीत है। वह (जिन्ना) जहां भी होंगे, वह इधर इशारा कर कहेंगे कि देखो मैं 1940 में सही था। हम अलग देश हैं और मुस्लिमों को अपना ही देश चाहिए क्योंकि हिंदू उनके साथ न्याय नहीं कर सकते।

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