समितियों में खाद नहीं, भटक रहे किसान
उरई/जलौन। पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद किसानों को यूरिया की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि ग्राम समितियों में खाद न मिलने से किसानों को प्राइवेट दुकानों से अतिरिक्त दामों में यूरिया खरीदनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि गेंहूं की फसल के लिए इस वक्त खाद की आवश्यकता है।
ऐसे में कई समितियां भी यूरिया की बोरियों से खाली है। समस्या सुनने वाला भी कोई नहीं है। जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान पूरन वर्मा का कहना है कि एक तो वैसे ही किसान दैवी आपदाओं से जूझ रहे है, उसमें से भी अगर कुछ उम्मीद दिखती है तो प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
किसान रामराज का कहना है कि इस समय खाद की किसानों को जरूरत है और अधिकारियों की अनदेखी से बाजारों में खुले आम 50 से 70 रुपए तक अधिक दामों में यूरिया बिक करी है। प्रशासन को कालाबाजारी के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। सिरसा कलार। सहकारी समिति में 20 दिनों से यूरिया नहीं आई है।
किसान रोज समितियों के चक्कर काट रहे हैं। हाल में हुई बारिश से गेहूं और ज्वार की फसल में खाद की जरूरत है। किसान तुलसीराम, महेंद्र व राजेश का कहना है कि यूरिया फ सल में समय से नहीं मिली तो उपज कम होगी। बताया कि यूरिया का सरकारी रेट 266 रुपये है, पर अचानक हुई मांग की वजह से किसानों मार्केट से 340 रुपये में खाद खरीदनी पड़ रही है।
सचिव आजाद सिंह का कहना है कि डिमांड लगी है इसी सप्ताह यूरिया आ जाएगी। ऊमरी। सप्ताह से यूरिया न मिलने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि यूरिया के लिए किसानों को शहर आना पड़ रहा है। जिससे पैसों के साथ साथ समय की भी बर्बादी हो रही है।
किसानों ने बताया कि ऊमरी सहकारी समिति मानपुरा में 14 जनवरी से खाद नहीं है। जब भी किसान खाद लेने के लिए समिति में पहुंचते है तो उन्हें एक दो दिन में यूरिया आने की बात कहकर टाल दिया जाता है। सचिव राम सिंह का कहना है कि 14 जनवरी को खाद खत्म हो गई थी, उच्च अधिकारियों को जानकारी कर दी गई है।
मौसम खुलते ही खाद की मांग भी बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि 10 दिन से समिति में यूरिया नहीं है। कई बार किसान शिकायत कर चुके है, लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली। मार्केट में खाद की कमी होने से प्राइवेट दुकानदारों ने 50 रुपये तक रेट बढ़ा दिए हैं। जिससे किसानों को अधिक दामों में यूरिया खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
सहकारी समिति के सचिव राघवेन्द्र सिंह पटेल ने बताया कि रैक के लिए भुगतान हो गया है एक दो दिन में यूरिया सोसाइटी पर उपलब्ध हो जाएगी। सरकारी रेट 266 है।