सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में किए ये बड़े बदलाव, यहां जानें 8 सवालों के जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है। बजट में मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को टैक्स मोर्चे पर राहत दी गई है। दरअसल, सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में कई अहम बदलाव किए हैं। इस बदलाव के बाद अब नौकरीपेशा लोगों के दिमाग में कई तरह के सवाल चल रहे हैं। इस खबर में हम आपके हर सवाल का जवाब देने जा रहे हैं। 

सवाल 1: इनकम टैक्स के मोर्चे पर क्या कुछ बदला है?

जवाब: दरअसल, पहले एक ही टैक्स स्ट्रक्चर था लेकिन साल 2020 के आम बजट में सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को लॉन्च किया। इसका मकसद उन टैक्सपेयर्स को राहत देना था, जो सेविंग नहीं कर पाते हैं। इसके बाद टैक्सपेयर्स के सामने दो विकल्प-न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स सिस्टम मौजूद है। अब बजट में सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में कुछ अहम बदलाव किए हैं। हालांकि, ओल्ड टैक्स सिस्टम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यह पहले की तरह चलता रहेगा। 

सवाल 2: न्यू टैक्स रिजीम में क्या कुछ बदला है?

जवाब: न्यू टैक्स रिजीम में सबसे बड़ा बदलाव रीबेट का है। सरकार ने 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर रीबेट यानी छूट का ऐलान किया है। पहले यह छूट 5 लाख रुपये तक की इनकम पर थी। सरकार यह रीबेट सेक्शन 87ए के तहत देती है। इसी सेक्शन के तहत ओल्ड टैक्स रिजीम में भी 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर छूट दी जाती है। ओल्ड टैक्स रिजीम में यह छूट साल 2018 में दी गई थी। हालांकि, इस बार के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।

सवाल 3: मतलब अब 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा?

जवाब:  हां, अगर आपकी 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम है और आप न्यू टैक्स रिजीम में हैं तो टैक्स नहीं देना होगा। जैसे ही आपकी इनकम 7,00001 रुपये होती है तो न्यू रिजीम के स्लैब में आएंगे और आपको टैक्स देने होंगे।

सवाल 4 : न्यू टैक्स रिजीम में और क्या बदला?

जवाब:  न्यू टैक्स रिजीम में एक बड़ा बदलाव स्लैब के मोर्चे पर हुआ है। इसमें मूल आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। पहले यह छूट सीमा 2.5 लाख रुपये थी। मतलब ये कि अब आपकी सालाना इनकम 3 लाख रुपये तक है तो टेंशन की बात ही नहीं है। इस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, तीन लाख रुपये से छह लाख रुपये की सालाना इनकम पर 5 प्रतिशत, छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। बता दें कि एक अप्रैल से नये प्रावधान लागू होंगे। 

कुल आय (रुपया)                       स्लैब(%)

0-3 लाख तक                          शून्य
3-6 लाख तक                          5
6-9 लाख तक                          10
9-12 लाख तक                         15
12-15 लाख तक                        20
15 लाख से अधिक                      30

सवाल 5: न्यू टैक्स रिजीम में और क्या हुए बदलाव?

जवाब: न्यू रिजीम में पहली बार स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल किया गया है। हालांकि, इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी सालाना इनकम 15.5 लाख रुपये या अधिक है। आपको बता दें कि स्टैंडर्ड डिडक्शन कमाई का वह हिस्सा होता है जिसे कम करने के बाद टैक्स लगाया जाता है। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन के जरिए 52,500 रुपये  बचाया जा सकता है। 

सवाल 6: मैं कैसे न्यू टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करूं?

जवाब: इस बार के आम बजट में निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगर विकल्प का चयन नहीं किया है तो न्यू टैक्स रिजीम में आप ऑटोमैटिक शिफ्ट हो जाएंगे। मतलब ये कि आपको इसके लिए अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम में रहना चाहते हैं तो इसके लिए विकल्प का चयन करना होगा। 

सवाल 7: मेरे पास सेविंग्स नहीं है, ऐसे में मेरे लिए न्यू टैक्स रिजीम ठीक है?

जवाब: हां, न्यू टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है जो बचत नहीं कर पाते हैं। दरअसल, न्यू टैक्स रिजीम में सेविंग्स करने वालों को क्लेम का विकल्प नहीं मिलता है। जो लोग एलआईसी, पीपीएफ और दूसरी सेविंग स्कीम्स में निवेश करते हैं उनके लिए अब भी ओल्ड टैक्स स्लैब ही बेहतर है। बता दें कि न्यू टैक्स रिजीम में हाउस रेंट अलाउंट, होम लोन री-पेमेंट, 80 सी, 80 डी और 80सीसीडी के तहत कोई छूट नहीं मिलती है।

सवाल 8: अभी न्यू टैक्स रिजीम में स्लैब क्या है?
जवाब: फिलहाल 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत, पांच लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 लाख रुपये रुपये से 10 रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है।

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